गांधीनगर (ईएमएस)| राज्य सरकार प्रदेश में राजस्व सेवाओं को और अधिक पारदर्शी, त्वरित एवं प्रभावी बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इसके लिए सभी आवश्यक नीतिगत तकनीकी एवं नियोजन सुधार भी किये जा रहे हैं| राजस्व विभाग की ओर से उद्योग मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने आज विधानसभा सदन में प्रदेश में राजस्व सुधारों की विस्तृत जानकारी दी। 3259 करोड़ से अधिक की बजटीय मांगें प्रस्तुत की गईं। जिसे सदन में पारित कर दिया गया| मंत्री बलवंतसिंह राजपूत ने राज्य के राजस्व विभाग की मांगों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य की राजस्व सेवाओं को पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर आवश्यक नीति, तकनीकी और योजनागत सुधार किए गए हैं। जिसके तहत, राजस्व सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप अद्यतन किया गया है, जिसे मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल प्रौद्योगिकी के माध्यम से आगे बढ़ा रहे हैं। इसके लिए खेडूत खराई, वरसाई नोट, हयाती हक की प्रतियों के साथ-साथ नमूना-6, नमूना 7/1आर और नमूना 8/ए की प्रतियां, डिजिटल संपत्ति कार्ड और संबंधित दस्तावेज आई-ओरा पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकते हैं। मंत्री ने कहा, इस प्रकार, लगभग 36 प्रकार की सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है और जनवरी 2015 तक 91 करोड़ रुपये से अधिक प्रतियां ऑनलाइन जारी की गई हैं। इसके अतिरिक्त, ई-धारा और सिटी सर्वे इंफॉर्मेशन सिस्टम को इस पोर्टल से जोड़कर डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड जारी होने के तुरंत बाद उपलब्ध हैं। भूमि दस्तावेजों की संवेदनशीलता और महत्व को ध्यान में रखते हुए पुराने अभिलेखों की स्कैनिंग की योजना बनाई गई है। राज्य में राजस्व सुधार की चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि किसान पात्रता प्रमाण पत्र की प्रक्रिया सरल करने से आवेदन में 55 प्रतिशत की कमी आयी है| जबकि विशुद्ध रूप से विवेकाधीन बिक्री के मामले में रुपये का प्रीमियम चार्ज करके शर्तों में बदलाव की मंजूरी की प्रक्रिया। 5 करोड़ तक की शक्ति कलेक्टर को दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे गैर-कृषि प्रसंस्करण और मंजूरी में तेजी आएगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए मंत्री राजपूत ने बताया कि जो किसान भूमि अधिग्रहण के बाद निश्चित समयावधि में जमीन नहीं खरीद सके या आवेदन नहीं कर सके। 29 नवंबर 2014 के संकल्प के अनुसार किसान प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं| उस समय बिना प्रीमियम लिए दिए जाने वाले गैर-खेती परमिट अब 10 प्रतिशत प्रीमियम के साथ दिए जाएंगे। इसके अलावा, सभी उपपंजीयक कार्यालयों में सी.सी.टी.वी. और ऑनलाइन कनेक्टिविटी से अनधिकृत आवाजाही को नियंत्रित किया जा सकेगा और वरिष्ठ सर्वेक्षकों की भर्ती करके डाक खातों के संचालन में तेजी लाई जाएगी। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्तियों का प्रॉपर्टी कार्ड मिल गया है। इसके अलावा उन्हें आसानी से बैंक ऋण या क्रेडिट भी मिल सकता है। जिसके तहत राज्य के 30 गांवों में संपत्ति धारकों को 3,60,134 संपत्ति कार्ड मुफ्त दिए गए हैं। प्रदेश में 310 सेवा केन्द्रों के माध्यम से 148 सेवाएँ नागरिकों तक पहुँचाई जा रही हैं। जिनमें से 4 सेवाओं का निस्तारण केवल एक ही दिन किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब इन जनसेवा केन्द्रों को और अधिक आधुनिक एवं सुविधाजनक बनाने की योजना बना रही है। राज्य में आपदा प्रबंधन के बारे में बात करते हुए मंत्री राजपूत ने कहा कि गुजरात ने भारी बारिश, बाढ़ या तूफान के दौरान निकासी, बचाव, आश्रय गृह और आपदा के बाद पुनर्वास में एक मानक स्थापित किया है। मानव मृत्यु, दुर्घटना या प्रभावितों को सहायता के साथ-साथ कृषि राहत के लिए राज्य सरकार ने अपने कार्यों और जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। इसी प्रकार पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग दस्तावेज पंजीयन प्रक्रिया को और अधिक सरल, सटीक एवं पारदर्शी बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। ई-केवाईसी को संपत्ति धारक और विक्रेता दोनों के हितों की रक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है। नियम लागू कर दिए गए हैं. तदनुसार, गारवी वेब एप्लिकेशन के माध्यम से, विक्रेता की पहचान सहमति-आधारित आधार पर की जाती है। जिससे धोखाधड़ी की संभावना शून्य हो जाएगी और सिविल मुकदमेबाजी की संभावना भी कम हो जाएगी। मंत्री ने कहा कि राज्य में पंजीकरण पर न्यूनतम स्टांप शुल्क लगाए जाने के बावजूद पिछले दशक में गुजरात में स्टांप शुल्क राजस्व चार गुना बढ़ गया है। जिसके अनुसार 2014 में पंजीकरण शुल्क की आय रु. 066.83 करोड़ और स्टांप शुल्क आय 11765.23 करोड़ रुपए हुई है| हस्तांतरित संपत्ति में मृत बेटी के उत्तराधिकारियों द्वारा किए गए हक कमी के लेखों पर मौजूदा 4.90 प्रतिशत स्टांप शुल्क के बजाय, अब केवल रु. 200 रुपए स्टांप ड्यूटी पर हक कमी कराई जा सकती है| जबकि एक करोड़ तक की ऋण राशि के लिए गिरोखत पर चुकाई जाने वाली अधिकतम 25,000 रुपये की ड्यूटी को 0.25 फीसदी घटाकर 5,000 रुपये कर दिया गया है, जिससे आवास ऋण में मध्यम वर्ग को फायदा होगा| इसके अलावा, घर बैठे ई-पंजीकरण की सुविधा भी जल्द ही प्रदान की जाएगी| जिससे कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी| सतीश/19 मार्च