चंद्राकर-विजय शर्मा हुए आमने-सामने, रिकेश सेन के लहजे पर डॉ रमन हुए नाराज रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को नक्सली इलाकों में फंड और खर्च का मुद्दा उठा। इस मसले पर छत्तीसगढ़ भाजपा के सीनियर विधायक अजय चंद्राकर और सरकार के गृह मंत्री विजय शर्मा आमने-सामने नजर आए। भिलाई से भाजपा विधायक रिकेश सेन ने अपने इलाके में अस्पताल खोलने की मांग की, लेकिन उनके लहजे की वजह से डॉक्टर रमन सिंह नाराज हुए। डॉ रमन सिंह ने सख्त अंदाज में कहा कि सवाल सम्मानपूर्वक तरीके से पूछने चाहिए। इसके अलावा विधानसभा में पुलिस भर्ती गड़बड़ी, महिलाओं के सेक्सुअल हैरेसमेंट में विशाखा समिति की जांच और कार्रवाई, महतारी सदन के अलॉटमेंट जैसे मुद्दे उठे। विधायक उसेंडी खराब सडक़ का मुद्दा उठाया सबसे पहले विधायक विक्रम उसेंडी ने पखांजूर से मायापुर की खराब सडक़ का मुद्दा उठाया। उन्होंने पंचायत मंत्री विजय शर्मा से पूछा कि 15 जून यानी कि बरसात से पहले क्या सडक़ का काम पूरा होगा? इसके जवाब में विजय शर्मा ने कहा- 15 जून से पहले सडक़ का निर्माण यह तो संभव नहीं है यह बजट में आया है, इसमें प्रशासकीय स्वीकृति के बाद टेंडर लगने के बाद फिर यह काम पूरा होगा, लेकिन कुछ रिपेयरिंग का काम जो कह रहे हैं तो मैं अवश्य इसको दिखवा लेता हूं। फिर चंद्राकर और विजय शर्मा आमने-सामने हुए अजय चंद्राकर ने पूछा कि प्रदेश में कितने जिले नक्सल प्रभावित हैं? स्क्रश्व (सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर) में कितना खर्च हुआ। 1 दिसंबर 2018 से 31 दिसंबर 2023 तक कितनी राशि मिली कितनी खर्च हुई? आपने जवाब में बताया है कि 557 करोड़ मिले और 998 करोड़ खर्च हो गए ये कैसे हुआ समझाइए? गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया- छत्तीसगढ़ प्रदेश के 15 जिले जगदलपुर (बस्तर), नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, कोडागांव, सुकमा, राजनांदगांव, मुंगेली, कबीरधाम, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई नक्सल प्रभावित जिले हैं। अब बात है कि 557 करोड़ मिले और 998 करोड़ खर्च हो गए, तो ऐसा नहीं है कि राशि मिलती है फिर खर्च होती है। पहले खर्च होती है, फिर रिएंबर्स होती है, और 100 प्रतिशत रिएंबर्स नहीं होता है। जो नहीं होता है वो राज्य सरकार अपने बजट से वहन करती है। विनोद उपाध्याय / 18 मार्च, 2025