पूर्वी सिंहभूम(ईएमएस)। जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल ने श्रम विभाग के अधिकारियों को जिले में बाल श्रम के खिलाफ व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने श्रम अधिकारियों से कहा कि एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) के साथ बैठक कर कार्ययोजना तैयार करें और बाल श्रमिकों से काम लेने वालों खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें। वे मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षात्मक बैठक कर रहे थे। उन्होंने श्रम विभाग की योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की। इनमें भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना, निर्माण श्रमिक सुरक्षा किट योजना, 15,000 रूपये की सहयोग राशि वाली मातृत्व सहायता योजना, मेधावी पुत्र-पुत्री छात्रवृत्ति योजना (5,000 से 50,000 रुपये की सहयोग राशि), अंत्येष्टि सहायता योजना (10,000 रुपये), झारखंड निर्माण कर्मकार मृत्यु-दुर्घटना सहायता योजना (2 लाख से 4 लाख रूपये सहायता राशि), चिकित्सा सहायता योजना, विवाह सहायता योजना और विभिन्न पेंशन योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को इन योजनाओं के बारे में बताकर उन्हें लाभान्वित करने के निर्देश दिये। उपायुक्त ने इस बात पर भी जोर दिया कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हित में श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन किया जाए, ताकि उन्हें सही लाभ मिल सके। नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान, बेरोजगारों को स्थानीय कंपनियों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण और नियोजन पर विस्तृत चर्चा की गई। उपायुक्त ने सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ बैठक को कहा, ताकि स्थानीय कंपनियों के लिए कार्ययोजना तैयार की जा सके। ऐसा होने से बेरोजगारों को कंपनियों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिलवाकर उन्हें नियोजित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त, नियमित अंतराल पर रोजगार मेला का आयोजन कर बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने का भी निर्देश दिये। इस बैठक के माध्यम से जिले में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग की योजनाओं को गति देने के स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए, ताकि श्रमिकों और बेरोजगारों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। बैठक में श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर व अरविंद कुमार, जिला कौशल विकास पदाधिकारी, नियोजन पदाधिकारी जमशेदपुर एवं घाटशिला तथा फैक्ट्री इंस्पेक्टर आदि शामिल हुए। कर्मवीर सिंह/18मार्च25