रायपुर/(वि.स.),(ईएमएस)। विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण काल के दौरान पीएचई विभाग में उप अभियंताओं की भर्ती को लेकर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक राजेश मूणत और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सवाल उठाते हुए कहा कि डिप्लोमा धारक योग्य, लेकिन डिग्रीधारी अयोग्य कैसे हो सकते हैं? मूणत ने तंज कसते हुए कहा, ज्यादा पढ़ने वाला अयोग्य और कम पढ़ने वाला योग्य—ये कैसी भर्ती नीति है? उन्होंने आगे सवाल किया कि पीडब्ल्यूडी में डिग्रीधारी योग्य हैं, लेकिन पीएचई में अयोग्य क्यों? क्या भर्ती नियमों का परीक्षण किया गया? इस पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने सफाई देते हुए कहा कि प्रदेश में 30 से अधिक पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं, जहां से हर साल 8 हजार युवा डिप्लोमा लेकर निकलते हैं। सभी विभागों के भर्ती नियम अलग-अलग हैं, और 1977 से यही व्यवस्था लागू है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार से सीधा सवाल किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेंगे या नहीं? इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं होता। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने चेतावनी दी कि भर्ती नीति से भविष्य में पदोन्नति की व्यवस्था प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि उप अभियंता (एई) के 75% पद पदोन्नति से भरे जाते हैं, लेकिन डिप्लोमा धारक आगे एई नहीं बन पाएंगे, क्योंकि इसके लिए डिग्री आवश्यक होगी। सत्यप्रकाश(ईएमएस) 18 मार्च 2025