नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया। आयोजन में दिल्ली के सभी सात सांसदों को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा दिल्ली एक ऐसी राजधानी है जहां विभिन्न भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं की विविधता देखने को मिलती है। यहां के जनप्रतिनिधियों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे जनता की अपेक्षाओं को समझें और उनके विकास और सामाजिक कल्याण के लिए काम करें। उन्होंने जोर दिया कि विधायक केवल अपनी विधानसभा का ही प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि वे पूरे राज्य की जनता की आवाज होते हैं। उन्होंने सदन में प्रभावी बहस और चर्चाओं की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि विधायकों को एक अच्छे श्रोता की भूमिका निभानी चाहिए। जितना वे सुनेंगे, उतना ही बेहतर वे अपनी बात रख पाएंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि चर्चा मुद्दों पर केंद्रित होनी चाहिए और तर्कसंगत होनी चाहिए। वहीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि विधानसभा में पक्ष और विपक्ष दोनों की उपस्थिति लोकतंत्र की ताकत को दर्शाती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी विधायक सौहार्दपूर्ण तरीके से चर्चा करेंगे और दिल्ली के विकास के लिए मिलकर कार्य करेंगे विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य विजेंद्र गुप्ता ने नव-निर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा का एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो देश की अन्य विधानसभाओं की तुलना में अलग और विशेष है। उन्होंने विधायकों को सलाह दी कि वे अपनी व्यक्तिगत पहचान से ऊपर उठकर अपनी सार्वजनिक छवि को ध्यान में रखते हुए सदन में अपनी भूमिका निभाएं।नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने क्या कहा? इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि दिल्ली विधानसभा में बैठना एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने विजेंद्र गुप्ता के विचारों क समर्थन करते हुए कहा कि इतिहास में लाला लाजपत राय, मदन मोहन मालवीय, विठ्ठलभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू जैसे महान नेता भी इस प्रकार के सदनों का हिस्सा रहे हैं। हालांकि, उन समयों में निर्णय लेने की शक्ति सीमित थी। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/18/मार्च /2025