राज्य
18-Mar-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली यातायात पुलिस के सामने सालों से सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक जाम से पार पाने की है। इस समस्या से पार पाने में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अभी तक नाकाम साबित हुई है। इस समस्या को दूर करने के लिए हाल ही दिल्ली पुलिस ने केंद्र सरकार की एक संस्था को लिखे पत्र में 8 हजार यातायात कर्मियों की जरूरत बताई है। दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के सूत्रों के मुताबिक ट्रैफिक जाम की स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में जितने पुलिसकर्मियों की जरूरत है, उससे 33 प्रतिशत कर्मी उसके पास कम हैं। ये हालात उस समय है जब दिल्ली में ट्रैफिक जाम वर्षों से नासूर बनी हुई है। दिल्ली पुलिस के पत्र का असर सामने आया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की पुलिस को कितनी संख्या में लेबर फोर्स की जरूरत है, का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद को ऑडिट की जिम्मेदारी सौंपी है। दिल्ली यातायात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए कम से कम 8 हजार ट्रैफिक पुलिसकर्मी की जरूरत है। जबकि उसके पास इस समय 4,791 यातायात पुलिसकर्मी ही उपलब्ध हैं। यानी मांग के हिसाब से 3,209 यातायात पुलिसकर्मियों की दिल्ली पुलिस को और जरूरत है। दरअसल, साल 2021 में दिल्ली यातायात पुलिस की जितनी क्षमता थी, वर्तमान में उससे 1,000 यातायात पुलिसकर्मी उसके पास कम हैं। इतना ही नहीं, जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दूसरी यूनिटों में शिफ्ट कर दिया जाता है। जबकि राजधानी में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है। बता दें कि इस मसले पर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में सोमवार (17 मार्च) को इस मुद्दे पर यातायात पुलिस के आला अधिकारियों की आयुक्त संजय अरोड़ा के साथ बैठक हुई। बैठक में इस बात की चर्चा हुई कि ट्रैफिक पुलिस के लिए स्वीकृत पद 5,533 हैं। वर्तामान में ट्रैफिक पुलिस की क्षमता 4,791 है। यानी स्वीकृत पद की तुलना में 742 कम। सिपाही के पदों पर 2,072, सब इंस्पेक्टर के पदों पर 25 और 2 एसीपी की कम हैं। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/18/मार्च /2025