राज्य
18-Mar-2025


अहमदाबाद (ईएमएस)| बाल आयोग की अध्यक्ष श्रीमती धर्मिष्ठा गज्जर ने कहा है कि बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा राज्य सरकार और समाज की प्राथमिक जिम्मेदारी है। जिसके तहत गुजरात राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल अधिकारों के उल्लंघन के संबंध में स्वतः संज्ञान कार्रवाई करते हुए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि गुजरात राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के तहत शक्तियों (धारा - 13, 14 और 15) के तहत दोषी संगठनों/व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में गहन जांच की है और सभी संबंधितों को तलब कर सोमवार 17 मार्च 2025 को आयोग के कार्यालय में एक महत्वपूर्ण सुनवाई की गई। जिसमें संबंधित संस्था के अधिकारी, शासी निकाय, पुलिस व्यवस्था के जिम्मेदार अधिकारी, उपनिदेशक एस.शा. इसके बाद प्रिंसिपल (स्कूल) आदि को तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में सरकार को सुझाव दिया जाएगा ताकि घटना की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। बाल अधिकारों के उल्लंघन के तीन गंभीर मामलों की जांच की गई। उन्होंने कहा कि इस स्वत: संज्ञान जांच के तहत घटनाओं में तीन मामले शामिल थे| ● पछम स्थित सरस्वती छात्रावास की घटना: इस मामले ने छात्रावास में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं. आयोग द्वारा संबंधित विभागों के माध्यम से कार्यवाही की गई है। ● राजकोट स्कूल ऑफ साइंस में रैगिंग की घटना: आयोग ने छात्रों के साथ रैगिंग और दुर्व्यवहार की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और सिस्टम को इसमें शामिल जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ● बोडेली, जिला छोटाउदेपुर में तांत्रिक द्वारा नाबालिग बेटी की हत्या एवं बलि: इस अत्यंत गंभीर एवं हृदयविदारक घटना में आयोग को निर्देश दिया गया है कि आरोपियों के विरुद्ध सख्त अनुशासन के तहत कानूनी कार्रवाई करने हेतु तत्काल कदम उठायें तथा राज्य के अन्य जिलों में भी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें| इस सुनवाई के दौरान आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों, संस्थानों और प्रणालियों से इन मामलों में गहन जांच और त्वरित न्याय के लिए अपनी पकड़ मजबूत करने को कहा है। बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा राज्य सरकार और समाज की प्राथमिक जिम्मेदारी है और आयोग इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा ऐसी घटनाओं की रोकथाम और समाधान के लिए जन जागरूकता अभियान, कानूनी दिशानिर्देश और सतर्क नीति कार्यान्वयन के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। सतीश/18 मार्च