राज्य
18-Mar-2025


इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इन्दौर में न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति गजेंद्रसिंह की युगलपीठ ने स्कूल टीचर को हटाने के मामले में एकल पीठ के फैसले को कायम रखते स्कूल द्वारा दायर अपील याचिका को निरस्त करते यह निर्णय दिया कि जो स्कूल शासकीय अनुदान प्राप्त हैं, वो किसी टीचर को बिना शासन की अनुमति के नहीं हटा सकते। अपील याचिका माहेश्वरी हायर सेकंडरी स्कूल द्वारा जीव विज्ञान संकाय के शिक्षक एसके व्यास को हटाए जाने के बाद कोर्ट द्वारा व्यास को दोबारा नियुक्ति के आदेश दिए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए युगल पीठ के समक्ष दायर की थी। जिसे युगल पीठ ने निरस्त कर दिया। प्रकरण कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि माहेश्वरी हायर सेकंडरी स्कूल में नवंबर 1974 में उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्त जीव विज्ञान संकाय के शिक्षक एसके व्यास जिन्हें वर्ष 1991 में शासन के नियमों अनुसार लेक्चरर पद पर पदोन्नति भी दी गई थी जो कि मप्र अशासकीय शिक्षण संस्था अधिनियम के तहत दी गई थी। लेकिन वर्ष 2005 में माहेश्वरी हायर सेकंडरी स्कूल प्रबंधन ने अचानक व्यास को यह कहते हुए नौकरी से हटा दिया कि स्कूल में कक्षा 11वीं और 12वीं में जीव विज्ञान संकाय में कोई एडमिशन नहीं हुआ है, इसलिए स्कूल को उनकी जरूरत नहीं है। व्यास ने स्कूल प्रबंधन के इस तरह उन्हें नौकरी से हटाएं जाने के खिलाफ हाई कोर्ट ने आवेदन प्रस्तुत किया जिसका वर्ष 2007 में निराकरण करते हुए कोर्ट ने व्यास को दोबारा नियुक्ति के आदेश दिए। हाइकोर्ट के इस आदेश को स्कूल प्रबंधन ने चुनौती देते हुए अपील याचिका दायर कर दी जिसे हाइकोर्ट की युगलपीठ ने निरस्त करते कहा कि स्कूल प्रबंधन ने बगैर शासन से अनुमति प्राप्त किए शिक्षक को नौकरी से हटाया, यह सही नहीं है। जो स्कूल शासकीय अनुदान प्राप्त हैं, वो किसी शिक्षक को बिना शासन की अनुमति के नहीं हटा सकते। ये फैसला कायम है। आनन्द पुरोहित/ 18 मार्च 2025