नई दिल्ली (ईएमएस)। जानलेवा बीमारी कैंसर के लिए कई बाहरी और आंतरिक कारक जिम्मेदार होते हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि हमारे घर में मौजूद कुछ सामान्य चीजें भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकती हैं। ये चीजें हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं, लेकिन अगर आप स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं, तो इनसे दूरी बनाना ही बेहतर होगा। नॉन-स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल अब आम हो चुका है, लेकिन रिसर्च में पाया गया है कि इन बर्तनों की कोटिंग में मौजूद परफ्लूरोऑक्टेनिक एसिड और अन्य टॉक्सिक पदार्थ कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसलिए स्टील या लोहे के बर्तनों का उपयोग करना ज्यादा सुरक्षित है। इसी तरह, प्लास्टिक की बोतलों में बिस्फेनॉल और फटालेट्स नामक कंपाउंड पाए जाते हैं, जो शरीर के अंदर जाकर गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। कई शोध बताते हैं कि प्लास्टिक के बारीक कण पानी के जरिए हमारे शरीर में चले जाते हैं, जिससे कैंसर सहित अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसलिए, प्लास्टिक की बोतलों के बजाय कांच या तांबे की बोतलों का इस्तेमाल करना बेहतर होगा। कई लोग रोटियां और अन्य खाने की चीजें रखने के लिए एल्युमिनियम फॉयल का उपयोग करते हैं, लेकिन इसमें मौजूद अधिक मात्रा में एल्युमिनियम लंबे समय तक शरीर में जमा होकर ब्रेस्ट कैंसर का कारण बन सकता है। इसी तरह, किचन में इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक कंटेनर भी कैंसर कारक हो सकते हैं, क्योंकि इनमें मौजूद बीपीए केमिकल खाद्य पदार्थों में मिलकर सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी जगह स्टील या सिलिकॉन के कंटेनर का उपयोग करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। रिफाइंड ऑयल का अधिक इस्तेमाल भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। उच्च तापमान पर गर्म होने पर यह टूटकर हानिकारक केमिकल्स उत्पन्न करता है, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए सरसों, नारियल या जैतून के तेल का उपयोग करना सेहत के लिए अधिक फायदेमंद है। इसके अलावा, घरों में इस्तेमाल होने वाली सेंटेड कैंडल्स से निकलने वाले केमिकल्स, प्लास्टिक चॉपिंग बोर्ड से निकलने वाले जहरीले तत्व भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इन चीजों से बचाव ही सुरक्षित और स्वस्थ जीवन का आधार है। बता दें कि विज्ञान ने आज भले ही कई बीमारियों का इलाज खोज लिया हो, लेकिन कैंसर के लिए अब तक कोई फुलप्रूफ इलाज विकसित नहीं हो सका है। यह बीमारी आज भी दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले रही है। सुदामा/ईएमएस 18 मार्च 2025