भोपाल(ईएमएस)। ओमार वैश्य भवन, बिनीत कुंज में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस पर वृंदावन धाम से पधारे श्रीमद्भागवत कथा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं धर्मपथिक की उपाधि से अलंकृत पूज्य शैलेन्द्र कृष्ण महाराज ने भक्तों को श्रीमद्भागवत के विविध संवाद श्रवण कराते हुए सनातन धर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला। प्रचार- प्रसार प्रभारी राजेश राय ने बताया की कथा के दौरान शैलेन्द्र कृष्ण महाराज ने कहा कि जिसका न कोई प्रारंभ है और न ही कोई अंत, वही सनातन कहलाता है। जो नित्य और शाश्वत है, जहां सभी जीवों को अभय आश्रय प्राप्त होता है, वही सनातन धर्म है। शैलेन्द्र कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान लक्ष्मी-नारायण, राम, कृष्ण, देवी दुर्गा, शिव और सूर्यनारायण की पूजा करना ही सनातन धर्म की पहचान है। यह वही धर्म है जहां नारी को देवी, मां, बहन जैसे आदरणीय शब्दों से सम्मानित किया जाता है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें ऐसे पवित्र सनातन धर्म में जन्म लेने का अवसर मिला है। शैलेन्द्र कृष्ण महाराज ने आगे कहा कि धर्म केवल एक ही है, जिसका नाम सनातन है, बाकी सभी मजहब, संप्रदाय और पंथ हो सकते हैं, धर्म नहीं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी सनातन धर्मावलंबी इस विशाल वटवृक्ष की छाया में आएं और अभय प्राप्त करें। युवाओं को धर्म से जुड़ने का संदेश अपने प्रवचन में शैलेन्द्र कृष्ण महाराज ने विशेष रूप से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे देश और धर्म की धुरी हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सनातन धर्म की ध्वजा को निरंतर देश और दुनिया में फहराने के लिए धर्म से मजबूती से जुड़ें। इसके लिए कथा श्रवण करना, मंदिरों में जाकर भगवान के दर्शन करना और सनातन धर्म के प्रति जन-जन में जागरूकता लाना आवश्यक है। कथा के दौरान शैलेन्द्र कृष्ण महाराज ने भक्तों को गौकर्ण उपाख्यान श्रवण कराया, जिससे भक्तों में भक्ति और श्रद्धा की भावना प्रबल हुई। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और कथा के अमृतमय प्रवचनों का आनंद लिया। हरि प्रसाद पाल / 17 मार्च, 2025