राष्ट्रीय
17-Mar-2025
...


-सैयद कासिम बोले- बिल पास हुआ तो होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन -ओवैसी ने कहा- मस्जिद पर अन्य के दावा करने मात्र से संपत्ति नहीं रहेगी हमारी नई दिल्ली,(ईएमएस)। वक्फ संशोधन बिल के विरोध में सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा प्रदर्शन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन में एआईएमआईएम के प्रमुख नेता असदुद्दीन ओवैसी समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस अवसर पर सांसद ओवैसी ने कहा, कि हम इस बिल का विरोध करते हैं। बिल में यह प्रावधान है कि यदि कोई यह दावा करता है कि यह मस्जिद नहीं है और कलेक्टर जांच बैठाते हैं, तो जब तक जांच पूरी नहीं होती, मस्जिद हमारी संपत्ति नहीं मानी जाएगी। उन्होंने आशंका जताई कि इस बिल को मौजूदा बजट सत्र में पेश किया जा सकता है, जो 4 अप्रैल तक चलेगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध कब्जों को हटाने के लिए कानूनी सुधार लाना है। हालांकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कई अन्य मुस्लिम संगठनों ने इसे लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि इस विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को करीब 5 करोड़ मुसलमानों ने ई-मेल के माध्यम से अपनी राय भेजी, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने दोहराया कि यदि यह विधेयक पारित हुआ तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल (यू) जैसे भाजपा के सहयोगी दलों को आमंत्रित नहीं किया गया। पहले यह प्रदर्शन 13 मार्च को होना था, लेकिन संसद में संभावित छुट्टी और सांसदों की अनुपलब्धता के कारण इसकी तारीख बदल दी गई। सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया वक्फ बिल संशोधन के लिए संयुक्त संसदीय समिति के चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह संसद के कानून बनाने के अधिकार को चुनौती देने का प्रयास है। उन्होंने कहा, विरोध प्रदर्शन कर वे देश के लोगों में भ्रम और मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कदम लोकतांत्रिक नहीं है। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी बहस जारी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस विधेयक को लेकर आगे क्या कदम उठाती है और विरोध के स्वर कितने मुखर होते हैं। हिदायत/ईएमएस 17मार्च25