-लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक भारत में बड़े आतंकी हमलों का रहा है मास्टरमाइंड करांची,(ईएमएस)। पाकिस्तान में लश्कर ए तैयबा के सरगना हाफिज सईद को गोली लगने की खबर है वह आखिरी सांसें गिन रहा है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि हाफिज सईद पाकिस्तान के झेलम से अपने ठिकाने पर लौट रहा था, तभी उस पर हमला किया गया। इस हमले में उसका राइट हैंड अबू कताल मारा गया, जबकि हाफिज सईद की हालत नाजुक बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक हाफिज सईद पाकिस्तानी सेना के कोर कमांडर मंगला से मुलाकात कर लौट रहा था। इस दौरान उसका राइट हैंड अबू कताल भी उसके साथ था। तभी उसकी गाड़ी पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में कताल मारा गया जबकि सईद गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस खबर की फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बता दें हाफिज सईद लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा का संस्थापक है। वह भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। 2008 के मुंबई हमलों का मुख्य आरोपी भी हाफिज सईद ही है। हाफिज सईद का जन्म 1950 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में हुआ था। उसने पाकिस्तान के यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लाहौर से अपनी पढ़ाई की। फिर पाकिस्तान से वह सऊदी अरब चला गया। 1980 के दशक में उसने अफगानिस्तान में जिहादियों के साथ मिलकर आतंकवादी गतिविधियों की ट्रेनिंग ली। 1990 के दशक में हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा की स्थापना की, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का समर्थन मिला था। यह संगठन भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा और कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था। 2002 में भारत और अमेरिका ने लश्कर को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया, जिसके बाद हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा के नाम से नया संगठन बनाया। यह संगठन भी आतंकवाद से जुड़े मामलों में लिप्त पाया गया था। संयुक्त राष्ट्र ने भी हाफिज सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया है और अमेरिका ने इस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। पाकिस्तान सरकार ने भी उस पर कार्रवाइयां की हैं लेकिन बचाने का प्रयास भी किया है। 2019 में, पाकिस्तान की एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में नाम आने के बाद, पाकिस्तान ने हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया और 10 साल की सजा सुनाई थी। यह अंतरराष्ट्रीय दबाव का परिणाम था। हाफिज सईद भारत में इन वारदातों में शामिल था जिनमें 2001 में संसद पर हुआ हमला, 2006 में मुंबई लोकल ट्रेन में हुए धमाके जिसमें 209 लोगों की मौत हो गई थी। 2008 में मुंबई आतंकी हमला जिसमें 166 लोगों मारे गए थे। 2016 उरी हमला करवाया था जिसमें 19 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वहीं 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला करवाया था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। इतने लोगों की जिंदगी से खेलना वाला आज अस्पताल में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। सिराज/ईएमएस 16मार्च25
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