रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच में आज एक बड़ा मोड़ आ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश होंगे। सोमवार को हुई छापेमारी में मिले दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर ईडी ने उन्हें समन भेजा था। 10 मार्च को ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास सहित एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान 33 लाख रुपये नकद और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए, जिसमें मंतूराम केस से जुड़ी एक पेन ड्राइव भी शामिल थी। इन दस्तावेजों के आधार पर ही चैतन्य बघेल को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच के तहत ईडी ने 18 नवंबर 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। इससे पहले आयकर विभाग ने 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दायर कर बड़ा खुलासा किया था। याचिका में कहा गया था कि राज्य में रिश्वत और अवैध दलाली का संगठित खेल चल रहा है, जिसमें रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की मुख्य भूमिका थी। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के जरिए शराब बिक्री शुरू की गई, लेकिन 2019 के बाद इस घोटाले का मास्टरमाइंड अनवर ढेबर बन गया। ईडी की चार्जशीट में बताया गया कि अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया और फिर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भारी भ्रष्टाचार किया गया। ईडी की जांच में पाया गया कि इस संगठित घोटाले के जरिए 2161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई। ईडी की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे शराब घोटाले से जुड़े बड़े नामों पर कार्रवाई तेज होती जा रही है। 15 जनवरी को पूर्व मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले की आंच भूपेश बघेल के परिवार तक पहुंच गई है। ईडी की टीम चैतन्य बघेल से शराब घोटाले में उनकी भूमिका, छापेमारी में मिले दस्तावेजों और मंतूराम केस की पेन ड्राइव को लेकर विस्तार से पूछताछ करेगी। इस पूछताछ से कई अहम खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)15 मार्च 2025