इन्दौर (ईएमएस) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की एकल पीठ ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई करते स्वास्थ्य विभाग के कई उच्चाधिकारियों को न्यायालय के आदेश का जान बूझकर पालन नहीं करने का दोषी मानते हुए सीएचएमओ डा. एमएस सागर को अवमानना नोटिस जारी कर 27 मार्च 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। दायर अवमानना याचिका पर याचिकाकर्ता की और से पैरवी अभिभाषक प्रवीण कुमार भट्ट ने की उनकी बताया कि उक्त अवमानना याचिका 20 सितंबर 2023 को जावरा निवासी नजमा पत्नी मोहम्मद अनवर के पक्ष में दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर प्रस्तुत की गई थी। जिसके अनुसार सिविल अस्पताल जावरा में कंपाउंडर के पद पर पदस्थ नजमा के पति मोहम्मद अनवर की नियुक्ति वर्ष 1993 में अस्थाई रूप से होने के बाद वर्ष 2012 में उन्हें नियमित किया गया था। वहीं उनके सेवाकाल के 10 वर्ष पूर्ण होने पर उन्हें नियमितिकरण का लाभ प्रदान नहीं किया गया। याचिका में बताया कि मोहम्मद अनवर को कोरोना महामारी के दौरान कोरोना कन्ट्रोल रूम पर पदस्थ किया गया था, तब कोरोना ग्रस्त होने से उनकी मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु पर स्वास्थ्य विभाग ने उनकी विधवा पत्नी नजमा एवं उनके बच्चों को कोई राशि नहीं दी। उसके परिवार को कोरोना योद्धा योजना के तहत 50 लाख की राशि भी नहीं दी गई और 10 वर्ष सेवाकाल पूर्ण होने पर मिलने वाला नियमित वेतनमान का लाभ भी नहीं दिया गया। व्यथित होकर नजमा ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी। एकल न्यायपीठ ने समस्त लाभ देने के आदेश दिए थे। इसके विरुद्ध डिविजन बेंच में रिविजन प्रस्तुत की गई थी, जिसे निरस्त कर दिया गया। उसके बावजूद याचिकाकर्ता को उक्त अवमानना याचिकाकर्ता प्रस्तुत दिनांक तक कोई लाभ नहीं मिला इसे कोर्ट की अवमानना मानते याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दायर की जिस पर सुनवाई पश्चात संक्षम कोर्ट ने सीएमएचओ को व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति होने के आदेश जारी किए। आनन्द पुरोहित/ 15 मार्च 2025