राष्ट्रीय
15-Mar-2025
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-वेबसाइट को क्रैश होने से बचाने नियमित मॉनिटरिंग करना जरूरी नई दिल्ली,(ईएमएस)। किसी महत्वपूर्ण वेबसाइट तक पहुंचने की कोशिश करने पर वह क्रैश हो जाती है। यह समस्या अचानक ज्यादा ट्रैफिक, तकनीकी खराबी, साइबर अटैक या सर्वर फेल होने जैसी वजहों से हो सकती है। कई बार किसी बड़ी सेल, नई फिल्म के टिकट बुकिंग या परीक्षा परिणाम जारी होने के दौरान वेबसाइट पर ज्यादा ट्रैफिक हो जाता है, जिससे सर्वर डाउन हो जाता है और साइट बंद हो जाती है। तकनीकी रूप से वेबसाइट्स क्रैश होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें से एक मुख्य वजह सर्वर ओवरलोडिंग है। जब किसी वेबसाइट पर एक साथ बहुत सारे लोग पहुंचते हैं, तो सर्वर पर लोड बढ़ जाता है और वह डाउन हो जाता है। छोटे या लो-कैपेसिटी सर्वर इस स्थिति को संभाल नहीं पाते, जिससे वेबसाइट एक्सेस करने में दिक्कत होती है। इसके अलावा कमजोर होस्टिंग प्लान और अपर्याप्त बैंडविड्थ भी वेबसाइट क्रैश होने का एक कारण है। इसके अलावा, सॉफ़्टवेयर बग्स और खराब कोडिंग भी वेबसाइट क्रैश करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यदि किसी वेबसाइट में गलत कोडिंग की गई हो या अपडेट के दौरान कोई गड़बड़ी हो जाए, तो वेबसाइट काम करना बंद कर देती है। कई बार प्लगइन्स या एक्सटेंशन्स के कारण भी वेबसाइट में समस्या होती है। साइबर हमले भी वेबसाइट ठप होने के पीछे की बड़ी वजह होते हैं। अटैक के तहत हैकर्स किसी वेबसाइट पर एक साथ ढेर सारी रिक्वेस्ट भेजते हैं, जिससे सर्वर ओवरलोड हो जाता है और वेबसाइट क्रैश हो जाती है। जब वेबसाइट अपने डेटाबेस से सही तरीके से कनेक्ट नहीं कर पाती, तो यूजर्स को एरर मैसेज मिलते हैं। डोमेन नेम सिस्टम से जुड़ी दिक्कतें भी वेबसाइट क्रैश का कारण हो सकती हैं। अगर डोमेन ठीक से कॉन्फ़िगर नहीं हुआ हो या उसमें तकनीकी समस्या हो, तो यूजर्स उस वेबसाइट तक नहीं पहुंच पाते। सिक्योरिटी सर्टिफिकेट एक्सपायर होने या गलत सेटिंग्स होने से भी वेबसाइट एक्सेस में परेशानी आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि वेबसाइट को क्रैश होने से बचाने के लिए उसकी होस्टिंग को अपग्रेड करना, सिक्योरिटी मजबूत करना और नियमित मॉनिटरिंग करना जरूरी है। सिराज/ईएमएस 15 मार्च 2025