ट्रंप का मानना है कि दूसरे देश अमेरिकी बाजार का फायदा उठा रहे वाशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका ने फिर भारत पर निशाना साधा है। व्हाइट हाउस ने अमेरिका पर तमाम देशों की ओर से लगाए गए टैरिफ पर चर्चा की। इसमें भारत का जिक्र कर बताया गया कि भारत ने अमेरिकी शराब पर 150 प्रतिशत और कृषि उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। व्हाइट हाउस की प्रेस प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जैसे को तैसा के पक्षधर हैं और निष्पक्ष व्यापार चाहते हैं। उन्होंने कनाडा पर आरोप लगाया कि वे दशकों से अमेरिका और मेहनती अमेरिकियों का शोषण कर रहा है। लेविट ने कहा, अगर आप कनाडा की ओर से अमेरिकी लोगों और श्रमिकों पर लगे टैरिफ की दरों पर गौर करने पर पता लगाता हैं कि यह बेहद ज्यादा है। ट्रंप की कनाडा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मार्क कार्नी के साथ बातचीत की योजना पर पूछे गए सवालों के जवाब में यह बताया गया था। इसके बाद उन्होंने भारत और जापान की ओर से विभिन्न अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति व्यापार और श्रमिकों के हितों को प्राथमिकता देते हैं। लेविट ने कहा, वास्तव में मेरे पास एक चार्ट है जो न केवल कनाडा, बल्कि सभी जगह टैरिफ की दरों को दिखाता है। कनाडा अमेरिकी पनीर और मक्खन पर लगभग 300 प्रतिशत टैरिफ है। भारत को अमेरिकी शराब पर 150 प्रतिशत टैरिफ। क्या आपको लगता है कि इससे केंटकी बूर्बन को भारत में निर्यात करने में मदद मिल रही है? मुझे नहीं लगता। भारत से कृषि उत्पादों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगता है। रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने ऐतिहासिक रूप से अमेरिका का फायदा उठाया, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। व्यापार जगत के लीडर्स की ओर से टैरिफ की अनिश्चितता के बारे में चिंताओं को दूर कर ट्रंप ने भविष्य में ग्रोथ की संभावना का सुझाव दिया। उन्होंने वर्षों से चली आ रही अनुचित अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रथाओं से उबरने की जरूरत पर बल दिया। ट्रंप ने सीमा नियंत्रण और अमेरिका में फेंटेनाइल की तस्करी की चिंताओं का हवाला देकर मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाए हैं। हाल ही में, ट्रंप ने भारत के टैरिफ का जिक्र करते हुए कहा कि ऊंची टैरिफ दरों के कारण भारत के साथ व्यापार करना बेहद मुश्किल है। ट्रंप का मानना है कि दूसरे देश अमेरिकी बाजार का फायदा उठा रहे हैं और अमेरिकी कंपनियों और श्रमिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वह इस स्थिति को बदलना चाहते हैं। सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अमेरिकी कंपनियों को वैश्विक बाजार में समान अवसर मिले। हालांकि, ट्रंप की टैरिफ नीति की कई अर्थशास्त्रियों और व्यापार विशेषज्ञों ने आलोचना की है। उनका तर्क है कि टैरिफ बढ़ाने से व्यापार युद्ध शुरू हो सकते हैं। इससे उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ सकती हैं। आशीष/ईएमएस 13 मार्च 2025