राज्य
12-Mar-2025
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:: जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी के नृतक दल दे रहे है प्रस्तुतियां :: इन्दौर/झाबुआ (ईएमएस)। जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी एवं जिला प्रशासन झाबुआ के सहयोग से झाबुआ के भगोरिया हाटों में सात दिवसीय पारम्परिक नृत्यों की प्रस्तुतियां संयोजित की जा रही है। 7 मार्च से 13 मार्च 2025 तक आयोजित इन प्रस्तुतियों अंतर्गत मध्यप्रदेश के जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जा रही है, जिसमें मनीष सिसोदिया एवं साथी-धार द्वारा भील जनजातीय नृत्य, अविनाश धुर्वे एवं साथी-बैतूल द्वारा गोण्ड जनजातीय ठाट्या नृत्य, धनीराम बगदरिया एवं साथी-डिण्डोरी द्वारा बैगा जनजातीय नृत्य करमा, कैलाश सिसोदिया एवं साथी-धार द्वारा भील जनजातीय नृत्य भगोरिया, मंशाराम एवं साथी-हरदा द्वारा कोरकू जनजातीय नृत्य गदली, मोजीलाल डाण्डोलिया एवं साथी-छिंदवाड़ा द्वारा भारिया जनजातीय भड़म नृत्य, राहुल भाबर एवं साथी-धार द्वारा भील जनजातीय नृत्य भगोरिया, अशोक कुमार मार्को एवं साथी-डिण्डोरी द्वारा गोण्ड जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य, संदीप उइके एवं साथी-सिवनी द्वारा गोण्ड जनजातीय करमा, सैला नृत्य की प्रस्तुति जी रही है। बुधवार, 12 मार्च को उमरकोट, माछलिया, मदरानी करवड़ और कल्याणपुरा में प्रस्तुतियॉं दी गई, जबकि गुरूवार 13 मार्च को पारा, सारंगी और हरिनगर में पारम्परिक नृत्य प्रस्तुतियॉं दी जायेंगी। इसके पूर्व 7 मार्च शुक्रवार को मसुरिया, भगोर, मांडली, चैनपुरा बेकलदा और कालीदेवी, 8 मार्च शनिवार को रातीमाली, राणापुर, मेघनगर चौखवाड़ा, बामनिया और खवासा, 9 मार्च रविवार को झाबुआ, ढोल्यावाड़, रायपुरिया और काकनवानी,10 मार्च सोमवार को कुंदनपुर, रजला, रम्भापुर पेटलावाद और मोहनकोट और 11 मार्च मंगलवार को पिटोल, खरडुबड़ी, तारखेड़ी बरवेट और थांदला में प्रस्तुतियॉं दी जा चुकी है। उमेश/पीएम/12 मार्च 2025