राज्य
12-Mar-2025
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कोई नया कर नहीं, 3 लाख नौकरियां मिलेंगी, केंद्रीय योजनाओं से जोड़ेंगे लाड़ली बहनों को... एक लाख किमी सडक़ बनाने का लक्ष्य, डिजिटल यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय रक्षा विवि खुलेंगे जनता पर नहीं कोई भार...विकास पकड़ेगा रफ्तार - गरीबों को कई सौगातें और उद्योगों को 30000 करोड़ का इंसेंटिव -नए 56 स्टेडियम बनाने की घोषणा, परंपरागत खेलों को मिलेगा बढ़ावा -सीएम राइज स्कूल योजना को विस्तार, तकनीकी शिक्षा व अनुसंधान पर भी रहा फोकस - लाडली बहनों को मिलेगा अटल पेंशन योजना का लाभ, बैगा-भारिया महिलाओं को पोषण मदद भोपाल (ईएमएस)। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। जो 78 हजार 902 करोड़ घाटे का बजट है। वहीं प्रदेश के करदाताओं को भी बड़ी राहत मिली है। बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया और न ही किसी भी कर की दर बढ़ाना प्रस्तावित किया गया है। मप्र में यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट भाषण की शुरुआत वित्त मंत्री देवड़ा ने कविता से की। उन्होंने कहा कि यही जुनून, यही एक ख्वाब मेरा है...वहां चिराग जला दूं जहां अंधेरा है...जनता व जनप्रतिनिधियों की बेशुमार फरमाइशें हैं..कर सकें हम सब पूरी, ये हमारी कोशिशें हैं। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि हमने 2025-26 का बजट जीरो वेस्ट बजटिंग प्रक्रिया से तय किया है। सरकार का लक्ष्य है विकसित मप्र। इसका अर्थ है कि जनता का जीवन खुशहाल हो। महिलाओं का आत्मगौरव मिले। उन्होंने कहा कि हम जीरो वेस्ट बजट ला रहे हैं। सरकार की ओर से काई नया टैक्स नहीं लगाया गया है। टैक्स की सभी प्रक्रिया को पहले जैसा ही रखा गया है। 2025-26 के बजट में प्रदेशवासियों के लिए यह सबसे बड़ी राहत है। 2025-26 का वर्ष सरकार उद्योग और रोजगार वर्ष के रूप में मनाएगी। प्रदेश में 14 हजार 500 एकड़ भूमि पर 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है। इन उद्योगों के जरिए तीन लाख से अधिक रोजगार के अवसर बनेंगे। सरकार ने स्टार्टअप नीति 2025 लागू की, जिससे 10 हजार स्टार्टअप स्थापित होने की संभावना है। लाड़ली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोड़ा प्रदेश की लाड़ली बहनों को अटल पेंशन योजना से जोडऩे की घोषणा की गई है। इसके अलावा लाड़ली बहना योजना के हितग्राहियों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना और अटल पेंशन योजना से भी जोड़ा गया है। 1.27 करोड़ लाडली बहनों के लिए 18 हजार 669 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण के तहत 1 करोड़ 33 लाख परिवार को निशुल्क राशन दिया जा रहा है। प्रदेश के नागरिक को बीमा समिति का गठन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा, कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाया जाएगा। बीमा समिति का गठन किया जाएगा। उद्योगों को 30 हजार करोड़ का इंसेंटिव उद्योगों की स्थापना और विस्तार के लिए प्रोत्साहन नीतियों के तहत इंसेंटिव दिए जाने का भी एलान किया गया है। इससे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सरकार की ओर से पांच साल में उद्योगों को करीब 30 हजार करोड़ का इंसेंटिव दिया जाना प्रस्तावित है, जबकि इस साल इंसेंटिव के लिए तीन हजार 250 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह पिछले साल से 551 करोड़ अधिक है। गरीबों को योजनाओं का पैकेज देगी सरकार बजट में मुख्यमंत्री समृद्ध परिवार योजना की घोषणा की गई। इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले परिवारों को एक-दो योजनाओं की जगह, उनकी पात्रता अनुसार योजनाओं का पैकेज दिया जाएगा। बजट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए चार हजार 66 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए मुख्यमंत्री समग्र परिवार योजना शुरू करने का ऐलान। वित्त मंत्री देवड़ा ने एलान किया कि अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाएंगे। प्रत्येक जिले में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन होगा। ये समिति जिले की विकास योजना का रोड मैप तैयार करेगी। इसमें सलाहकार शामिल किए जाएंगे। जनजाति छात्रों के लिए आकंक्षा योजना के लिए 20 करोड़ 52 लाख का प्रस्ताव है। प्रदेश की रफ्तार बढ़ाने का लक्ष्य सडक़ों और पुलों के निर्माण एवं संधारण के लिए वर्ष 2025-26 में 16 हजार 436 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो वर्ष 2024-25 से 34 प्रतिशत अधिक है। बजट में नई योजना का ऐलान किया गया है, क्षतिग्रस्त पुलों का पुनर्निर्माण योजना बनाई है। इस योजना के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री मजरा-टोला सडक़ योजना प्रारंभ की जा रही है, इसके लिए इस बजट में 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में बताया गया कि अगले पांच सालों में एक लाख किलोमीटर सडक़ें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं पांच सालों में 500 रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इस साल 3500 किलोमीटर नवीन सडक़ें और 70 पुल बनाए जाने का लक्ष्य है। प्रदेश में हवाई सफर और आसान होगा प्रदेश में वायु सेवा के माध्यम से यात्रा सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे मप्र के शहरों और देश के महत्वपूर्ण शहरों के मध्य आवागमन शीघ्र तथा सुगम होगा। रीजनल कनेक्टिविटी योजना उड़ान के अंतर्गत छिंदवाड़ा, नीमच, शहडोल, शिवपुरी, खंडवा, मंडला, झाबुआ एवं उज्जैन हवाई पट्टियों का विकास हो रहा है। दतिया हवाई पट्टी को विमानतल के रूप में विकसित किया गया है। शिवपुरी हवाई पट्टी को विमानतल के रूप में विकसित किया जाएगा। रीवा विमानतल, प्रदेश का छठवां वाणिज्यिक विमानतल बनाया गया है। ग्वालियर विमानतल को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया जा चुका है। उज्जैन हवाई पट्टी को हवाई कनेक्टिविटी के रूप में विस्तारित किए जाने का कार्यवाही प्रगतिरत है। कुपोषण मिटाने महिला मुखिया को हर महीने 1500 रुपए बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों को कुपोषण से मुक्ति आहार अनुदान के तहत 2.20 लाख महिलाओं के खातों में 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पीएम जनमन योजना में 53 हजार से अधिक आवास बनाए हैं। बच्चों की शिक्षा के लिए 22 नए छात्रावास बनेंगे। 11 लाख परिवार लाभांवित हैं। धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान को लागू किया जाएगा। इससे 259 विकासखंडों के 11377 गांवों का कायाकल्प किया जाएगा। इससे 19 लाख जनजातीय परिवारों समेत 94 लाख परिवार लाभांवित होंगे। इसके लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। तीथ दर्शन योजना के लिए 50 करोड़ रुपये श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिए 10 करोड रुपए का प्रावधान। इसी प्रकार राम पथ गगन योजना के लिए 30 करोड रुपए का प्रावधान किया गया। गीता भवन में पुस्तकालय, सभागार, साहित्य सामग्री विक्रय केंद्र बनाए जाएंगे, इसके लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान किया गया। तीर्थ दर्शन योजना के लिए 50 करोड रुपए का प्रावधान रखा गया है पर्यटन संस्कृति और धर्मस्व क्षेत्र में 1610 करोड रुपए का प्रावधान किया गया जो गत वर्ष की तुलना में 133 करोड रुपए अधिक है। 14 स्मारकों का निर्माण किया जा रहा है पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण 507 करोड रुपए की लागत से किया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र का कुल बजट 23535 करोड रुपए प्रस्तावित किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 2992 करोड रुपए अधिक है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित खेल स्टेडियम का उपयोग हेलीपैड के लिए भी किया जाएगा। आयुष्मान योजना के लिए 2039 करोड़ रुपये आयुष्मान योजना के लिए 2039 करोड रुपए का प्रावधान रखा गया। समृद्ध व्यक्ति एवं परिवार के साथ ही समृद्ध गांव की संकल्पना के तहत मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना प्रारंभ की जाएगी। यहां पशुपालन मछली पालन तथा खाद्य संस्करण को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान रखा गया है। पंचायत को सर्वांगीण विकास में सहायता देने के उद्देश्य से मूलभूत सेवाओं के लिए अनुदान 2507 करोड रुपए की वृद्धि करते हुए इस वर्ष 6007 करोड रुपए का प्रावधान रखा है। मनरेगा के लिए 4400 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के लिए 4400 करोड़ मनरेगा के लिए 4050 करोड़ प्रधानमंत्री जन मन आवास योजना के लिए 1000 करोड़। प्रधानमंत्री जन धन योजना सडक़ के लिए 1056 करोड़। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण के लिए 960 करोड़। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 800 करोड़। स्वच्छ भारत मिशन के लिए 594 करोड़ और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 227 करोड रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास के लिए 1950 करोड रुपए का बजट रखा है। जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल संरचनाओं घाटों और धार्मिक स्थलों की साफ सफाई और जीणोद्धार किया जाएगा। नगरीय विकास के लिए 18715 करोड़ रुपये वित्तमंत्री ने भाषण में कहा कि नगरीय विकास के लिये वर्ष 2025-26 के लिए 18 हजार 715 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है, जो कि वर्ष 2024-25 से लगभग रुपये 2 हज़ार करोड़ अधिक है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण लगभग रुपये 507 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। ओंकारेश्वर महालोक का निर्माण किया जाएगा विश्व के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, ओंकारेश्वर में उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर महालोक का निर्माण किया जाएगा। अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रणेता आचार्य शंकर के जीवन दर्शन के प्रसार के उद्देश्य से संग्रहालय एवं आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान को विकसित किया जा रहा है। सोलर पार्क विकसित किया जाएगा वित्तमंत्री ने कहा- मप्र और उत्तर प्रदेश के मध्य 2000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क विकसित किया जाएगा। मुरैना में प्रदेश का प्रथम सोलर पावर स्टोरेज संयंत्र की स्थापना की जा रही है। प्रधानमंत्री जन मन योजना के तहत प्रदेश में 2060 आदिवासी बहुल ग्रामों को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री मजरा टोला सडक़ योजना की घोषणा पांच साल में एक लाख किलोमीटर सडक़ निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही 500 रेलवे ब्रिज भी बनाए जाएंगे। 2025-26 में 3500 किलोमीटर सडक़ बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री मजरा टोला सडक़ योजना की घोषणा की गई। इसका बजट 100 करोड़ रुपए रखा गया है। क्षतिग्रस्त पुल निर्माण योजना शुररू होगी, इस पर 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मोटर व्हीकल टैक्स में छूट वाहन स्क्रैप योजना को प्रोत्साहित करने के लिए भी बजट में एलान किया गया है। नई गाड़ी खरीदने पर परिवहन वाहन के लिए मोटर व्हीकल टैक्स में 15 फीसदी और बकि गैर परिवहन वाहन के लिए 25 फीसदी की छूट मिलेगी। गोशालाओं में आहार की राशि बढ़ाई प्रदेश की गोशालाओं में गायों के आहार के लिए अब तक रोज प्रति गाय 20 रुपये दिए जाते थे। लेकिन, बजट घोषणा में इसे बढ़ाकर 40 रुपए कर दिया गया है। वहीं, राष्ट्रीय उद्यान और बफर क्षेत्र में वन्य जीव प्राणी-मानव संघर्ष को रोकने के लिए 3000 किलोमीटर फेंसिंग की जाएगी। 3500 किमी नई सडक़ और 70 पुल इस साल बनेंगे प्रदेश सरकार ने इस साल 3,500 किलोमीटर नई सडक़ें और 70 पुलों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण की एक नई योजना शुरू की गई है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, उन गांवों को मुख्य सडक़ों से जोडऩे के लिए मुख्यमंत्री मजरा टोला सडक़ योजना शुरू की जा रही है, जहां अब तक सडक़ें नहीं पहुंची हैं। इस योजना के लिए भी 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 5 साल में बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव राज्य सरकार ने अगले पांच वर्षों में प्रदेशभर में 1 लाख किलोमीटर सडक़ें बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही 500 रेलवे ओवर ब्रिज और फ्लाईओवर का भी निर्माण किया जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया जा सकेगा। बैगा-भारिया महिलाओं को पोषण सहायता सरकार ने बैगा और भारिया जनजाति की महिलाओं के पोषण को ध्यान में रखते हुए 2.20 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 1500 रुपये की वित्तीय सहायता भेजने की घोषणा की है। यह राशि कुपोषण मुक्ति आहार अनुदान के तहत प्रदान की जाएगी, जिससे इन वर्गों की महिलाओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर मप्र सरकार लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नई योजनाएं ला रही है। लाड़ली बहना योजना से जुड़ी महिलाओं को अब सरकार की अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है। विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना, छात्राओं को साइकिल वितरण और मुख्यमंत्री स्कूटी योजना समेत नारी शक्ति से जुड़ी कई योजनाओं के लिए 26,797 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार का कहना है कि इन योजनाओं के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बजट में श्रमिक महिलाओं को आर्थिक संबल देने के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना को आगे बढ़ाया गया है, जिससे गर्भवती श्रमिक महिलाओं को आर्थिक सहायता मिलेगी। वहीं, छात्राओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करने और उनकी आवाजाही को सुगम बनाने के लिए साइकिल वितरण योजना को जारी रखा गया है। उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही छात्राओं के लिए मुख्यमंत्री स्कूटी योजना को भी लागू किया गया है, जिससे उन्हें शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें। आंगनबाड़ी सेवाओं के लिए 3,729 करोड़ आंगनबाड़ी सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी सरकार ने 3,729 करोड़ रुपये की राशि तय की है। इस फंड का उपयोग छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और माताओं के पोषण और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। साथ ही, महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली कई योजनाओं को इस बजट से मजबूती मिलेगी। किसान प्रोत्साहन योजना के लिए 5230 करोड़ का प्रावधान बजटें किसानों को भी बड़ी सौगात दी गई है। बजट में धान उपार्जन पर प्रोत्साहन राशि देने के लिए 850 करोड़ का प्रावधान किया गया है। किसान प्रोत्साहन योजना के लिए 5230 करोड़, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2 हजार करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। वित्त मंत्री देवड़ा ने बताया कि, मध्यप्रदेश सरकार कृषकों की आय में वृद्धि करने हेतु कृतसंकल्पित है। वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अन्तर्गत सभी किसान परिवारों को रुपये 6 हजार प्रतिवर्ष की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त, हमारी सरकार द्वारा भी कृषकों को राशि रुपये 6 हज़ार प्रतिवर्ष का लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में इस वर्ष रुपये 5 हजार 220 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। नवीन योजना मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत परम्परागत रूप से एक या दो फसलें ले रहे किसानों को, फसल विविधीकरण में पारिस्थितिकीय संतुलन हेतु सहायक फसलें लेने पर, राज्य सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषि उपभोक्ताओं को विद्युत बिल में दी जा रही राहत को निरन्तर रखा गया है, जिससे लगभग 37 लाख किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस मद में रुपये 19 हजार 208 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 2 करोड़ 42 लाख प्रकरणों में रुपये 29 हज़ार 555 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इस हेतु वर्ष 2025-26 में रुपये 2 हज़ार करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है। किसानों को सिंचाई के लिए दिए जांएगे सोलर पंप वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश करते हुए किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप दिए जाएंगे, जिससे उनकी कृषि कार्यों में मदद मिलेगी और साथ ही ऊर्जा की बचत भी होगी। इसके साथ ही, मंत्री ने पीएम कृषक मित्र सूर्य योजना के तहत 447 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सस्ती और सुलभ ऊर्जा प्रदान करना है, ताकि वे अपने खेतों में बेहतर तरीके से सिंचाई कर सकें और उत्पादन बढ़ा सकें। श्रीअन्न उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा प्रदेश में श्रीअन्न (मोटे अनाज) के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना लागू की गई है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और प्रदेश में पोषण सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। कृषि अनुसंधान और उन्नत तकनीकों के विकास को गति देने के लिए सरकार ने ग्वालियर कृषि विश्वविद्यालय के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है। फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ का बजट फसल क्षति की भरपाई के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। वहीं किसानों को अतिरिक्त आय के साधन उपलब्ध कराने और उनके आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए 850 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सौर ऊर्जा योजनाओं के लिए 447 करोड़ रुपये किसानों को सौर ऊर्जा से लाभ दिलाने के लिए 447 करोड़ रुपये की मदद प्रस्तावित की गई है, जिससे उन्हें बिजली पर होने वाले खर्च में राहत मिलेगी और वे सौर ऊर्जा से अपनी जरूरतें पूरी कर सकेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और यह बजट कृषि क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाएगा। .....किस योजना के लिए कितली राशि.... 1000 करोड़ - मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 1000 करोड़ - प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (शहरी) 1000 करोड़ - प्रधानमंत्री कृषि यंत्र योजना 960 करोड़ - सडक़ विकास परियोजना (मेट्रो) 850 करोड़ - सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 850 करोड़ - प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना 720 करोड़ - मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना 700 करोड़ - सडक़-पुल निर्माण योजना 594 करोड़ - नियमित आदिवासी योजना 505 करोड़ - निशक्त जनकल्याण योजना 500 करोड़ - खेलो इंडिया योजना -मप्र बजट 2025-26 का हिसाब-किताब.... कुल बजट - 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ राजस्व व्यय -2 लाख 90 हजार 261 करोड़ पूंजीगत परिव्यय- 85 हजार 76 करोड़ राजकोषीय घाटे की सामान्य सीमा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की 3 प्रतिशत 2025-26 में राजकोषीय घाटा 78 हजार 902 अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.66 प्रतिशत 2025-26 में 618 करोड़ का राजस्व आधिक्य अनुमानित .......बजट पर किसने क्या कहा........... पिछले बजट की तुलना में चार लाख 21 हजार करोड़ का बजट है। राजस्व में जो वृद्धि है वह 7 प्रतिशत है। पूंजीगत व्यय में 31 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान रखा है। जेंडर बजट दोगुना हुआ है। बजट को भी 6 वर्षों में दो गुना करने का लक्ष्य रखा गया है। 2047 की प्रधानमंत्री की दो ट्रिलियन की इकोनॉमी 5 सालों के भीतर दो गुना बजट करने का लक्ष्य रखा गया है। गरीब, महिला, किसान, युवाओं को सभी को ध्यान में रखते हुए गांव गरीब व्यवस्थित प्लानिंग के साथ मप्र विकास के मामले में हवाई उड़ान की तरह आगे बढ़ेगा। डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री बजट से स्पष्ट है कि मप्र पर बढ़ते कर्ज को कम करने की दिशा में सरकार की कोई सोच नहीं है। सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात यह है कि बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सर्व समाज के लिए किसी बुनियादी विकास की घोषणा नहीं की गई है। वर्तमान सरकार का बजट पूरी तरह से निराश करने वाला है और इससे मप्र के नवनिर्माण का कोई रास्ता नजर नहीं आता। -कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री ये बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित मध्यप्रदेश का बजट है। ये प्रदेश के विकास और जनकल्याण को गति और नई दिशा दे रहा है। विशेषकर लाड़ली बहना हो या लाड़ली लक्ष्मी...महिलाओं के लिए योजनाओं के लिए अभूतपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं। ये मील का पत्थर साबित होगा। शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री -मप्र की डबल इंजन सरकार प्रदेश के समग्र विकास के प्रति पूर्णत: संकल्पित है। निरंतर बढ़ती आर्थिक समृद्धि राज्य की प्रगति का प्रमाण है। वर्तमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार से अधिक हो चुकी है, जो यह दर्शाता है कि मप्र विकास की अविरल धारा में निरंतर अग्रसर है। यह आर्थिक उन्नति हमारी सरकार की प्रभावी नीतियों, योजनाओं और सुशासन का सजीव प्रत्यक्षीकरण है, जिससे प्रदेशवासियों का जीवन स्तर निरंतर बढ़ रहा है। - कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री आज जब बजट पेश हो रहा है तो सरकार 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है, बजट बढ़ाकर घोषित करना चाह रही है ताकि कर्ज लेने की सीमा बढ़े। बजट के लाभार्थियों जैसे आदिवासी, दलित, किसान, छात्र आदि के लिए बजट में किए गए प्रावधान का केवल 20-30 प्रतिशत ही खर्च होता है। वे केवल ऐसी योजनाएं बनाते हैं जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है... सरकार बस जनता को गुमराह करती है... -जीतू पटवारी, पीसीसी चीफ बीजेपी सरकार कर्ज का बजट ला रही है। राज्यपाल के अभिभाषण से स्पष्ट है कि प्रदेश के युवाओं के लिए कोई नई नीति नहीं है। किसान आर्थिक रूप से संपन्न कैसे होगा? सरकार कर्ज में डूबी है। प्रति व्यक्ति 50 हजार का कर्ज है। ये सिर्फ ब्रांडिंग की सरकार है। उमंग सिंघार, नेता प्रतिपक्ष