राज्य
12-Mar-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली में होली और रमजान समेत आगामी त्योहारों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने मिलावटखोरों के खिलाफ मुहिम तेज कर दी है। खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे मार्च माह के दौरान डेयरी उत्पादों पर सख्त निगरानी बढ़ाएं। त्योहारी सीजन में इनकी मांग बढ़ जाती है। यह कदम खाद्य मिलावट और गलत लेबलिंग को रोकने के लिए जरूरी है। एफएसएसएआई द्वारा खाद्य मिलावट को रोकने और खाद्य सुरक्षा नियमों पर अमल के लिए मासिक उत्पाद-विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है। चूंकि, त्योहारों के दौरान डेयरी उत्पादों की खपत अधिक होती है, इसलिए मार्च में इस पर विशेष रूप से निगरानी रखने के लिए कहा गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) नियमों के अनुसार डेयरी अनुरूप वे उत्पाद वे होते हैं, जिनमें दूध के घटकों को आंशिक या पूर्ण रूप से गैर-दुग्ध तत्वों से बदल दिया जाता है, लेकिन वे दिखने, बनावट और कार्यक्षमता में दूध या दूध उत्पादों से मिलते-जुलते होते हैं। इसके अलावा, डेयरी अनुरूप उत्पादों को दूध, दूध उत्पाद या समग्र दूध उत्पाद नहीं माना जाता है। इस प्रकिया के तहत मानकीकृत दूध उत्पादों में प्रमुख दूध घटकों (जैसे दूध वसा या दूध प्रोटीन) को वनस्पति तेल, वसा या प्रोटीन से बदला जाता है, तो उसे डेयरी के समान माना जाता है। एफएसएसएआई के नियमों के मुताबिक, डेयरी अनुरूप को ऐसे उत्पाद के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें दूध से प्राप्त न किए गए घटक आंशिक या पूर्ण रूप से दूध के घटकों की जगह लेते हैं और अंतिम उत्पाद दूध, दूध उत्पाद या समग्र दूध उत्पाद के समान दिखता है। खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम 2011 के अनुसार गैर-डेयरी उत्पादों को दूध या दूध आधारित उत्पादों के रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिए। डेयरी अनुरूप उत्पादों के मानकों और लेबलिंग को लेकर चल रही चिंताओं और उन्हें डेयरी उत्पादों के रूप में गलत तरीके से पेश करने की प्रवृत्ति को देखते हुए, एफएसएसएआई ने सभी राज्य प्राधिकरणों को सख्त परीक्षण और लेबल जांच करने का निर्देश दिया है। अजीत झा /देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/12/मार्च /2025