तेहरान(ईएमएस)। पूरी दुनिया को डराने और धमकाने में जुटे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान ने अच्छी खरी खरी सुना दी है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि धमकियों के बीच ईरान अमेरिका से किसी भी स्थिति में अपने परमाणु कार्यक्रम पर बात नहीं करेगा। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को दो टूक जवाब देते हुए कहा, जो करना है कर लो। इस बीच ईरान ने रूस और चीन के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास करके अपनी ताकत दिखाई है। पेजेश्कियान ने कहा कि हम यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि अमेरिका हमें आदेश और धमकियां दे। मैं तुमसे (अमेरिका) बात भी नहीं करूंगा। जो करना है कर लो। ईरानी सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने भी इससे पहले कहा था कि ईरान किसी भी दबाव में बातचीत नहीं करेगा। यह बयान ट्रंप के उस दावे के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान के साथ नए परमाणु समझौते के लिए खामेनेई को एक पत्र लिखा है। हालांकि ईरान ने कहा है कि उसे कोई भी पत्र नहीं मिला है। ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर पहले की तरह ईरान पर अधिकतम दबाव’ की नीति लागू कर दी है। इसके जरिए अमेरिका ईरान की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने और उसके तेल निर्यात को शून्य तक लाने की कोशिश में जुटा है। ट्रंप ने सोमवार को प्रतिबंधों में दी गई छूट को समाप्त करके दबाव बढ़ाने की कोशिश की। इस छूट के तहत इराक को ईरान से बिजली खरीदने की इजाजत दी गई थी। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि ईरान दबाव और धमकी में बातचीत नहीं करेगा। 2015 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान और प्रमुख शक्तियों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया था। इसमें ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के बदले प्रतिबंधों में छूट देने का वादा किया गया था। ट्रंप के आने के बाद यह समझौता टूट गया।ईरान ने मंगलवार को चीन और रूस के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जिसे मैरिटाइम सिक्योरिटी बेल्ट 2025 नाम दिया गया। यह अभ्यास ओमान की खाड़ी में हुआ, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरूमध्य के पास मौजूद है। इस हिस्से से दुनिया के कुल तेल व्यापार का पांचवां हिस्सा गुजरता है। वीरेंद्र/ईएमएस/12मार्च2025