राष्ट्रीय
10-Mar-2025


मुंबई (ईएमएस)। महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बयान दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र में जय श्रीराम बनाम जय भवानी की सियासत देखने को मिल रही है। उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से बीजेपी के पसंदीदा जय श्री राम नारे का जवाब जय भवानी, जय शिवाजी से देने को कहा है। सालों की मेहनत के बाद जिस पार्टी को बाल ठाकरे ने पाला-पोसा और बड़ा किया। उनके बाद वो मिलकियत उद्धव ठाकरे की थी, लेकिन एक ऐसा तूफान आया कि उद्धव ठाकरे के पास न तो पार्टी रही, न महाराष्ट्र की सियासत में वो मजबूत पकड़। अब उद्धव खोई हुई जमीन की वापसी चाहते हैं और नई रणनीति पर कसरत शुरू कर दी है। प्रांतवाद के मुद्दे पर हुई थी शिवसेना की स्थापना हालांकि इसे आप रणनीति भी नहीं कह सकते। क्योंकि ये मुद्दा उन्होंने पुराना ही चुना है। मुद्दा वही प्रांतवाद का, जिसके आधार पर 60 के दशक में शिवसेना की स्थापना हुई थी। उद्धव ठाकरे ने रविवार को आयोजित अपनी निर्धारित रैली में शिव सैनिकों से अपील करते हुए, जय श्रीराम का जवाब जय भवानी में देने की नसीहत दे दी। जय भवानी का नारा मराठी अस्मिता से जुड़ा दरअसल भूमिपुत्रों को न्याय दिलाने के मक़सद से स्थापित हुई शिवसेना का शुरुआत से ही नारा जय भवानी, जय शिवाजी का रहा है। ख़ासकर जय भवानी का नारा मराठी अस्मिता से इसलिए भी जुड़ गया है, क्योंकि इसका इस्तेमाल शिवाजी महाराज के वक़्त से होता आया है। तो दूसरी तरफ बीजेपी जय श्रीराम के नारे के ज़रिए देशभर के हिन्दुओं को एक छत के नीचे लाने का प्रयास करती रही है। सुबोध/१०-०३-२०२५