राज्य
10-Mar-2025
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जबलपुर, (ईएमएस)। रंगों के पर्व होली को अब तीन दिन शेष रह गया है। बाजार में रंग-रंगीले पर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दुकानदारों ने रंग-गुलाल, पिचकारियों के जो ऑर्डर बुक कराये थे, उनका माल अब आ चुका है। वहीं होलिका स्थापित करने वाली समितियों ने चंदा उगाही का धंधा शुरू कर दिया है। हर तरफ धीरे-धीरे होली के त्यौहार के आगमन की आहट सुनाई देने लगी है। रंगों के मदमस्त त्यौहार होली पर शहर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की संख्या भी अब गिनी चुनी रह गई है। ले-देकर गुंजन कला सदन की रसरंग महोत्सव धुरेड़ी की पूर्व संध्या पर होगा। अब फागों के मुकाबले नहीं के बराबर बचे हैं। दरअसल महंगाई ने लोगों के उत्साह पर लगाम लगा रखी है। समस्याओं से बेजार लोगों के लिये अब त्यौहार क्या और आम दिन क्या, रोज दो वक्त की रोटी कमाने और बच्चों को पालने की फिक्र में बीतते हैं। आसमान छूती मंहगाई ने लोगों के उत्साह और उमंग पर पानी फेर दिया है। बच्चों में जरूर त्यौहारों पर उत्साह रहता है, लेकिन होली के त्यौहार के वक्त बोर्ड परीक्षाएं व कॉलेज स्तर की परीक्षाएं चल रही हैं। पढ़ाई लिखाई से दूर बेगारी, मुफलिसी में दिन काटने वालों के लिये जरूर खासकर होली का त्यौहार रोजगार का साधन बन जाते हैं। 5 रूपये के चंदे की रसीद खरीद कर हजारों रूपये की उगाही मोहल्ले के दादाओं के साथ की जाती है और मौजमस्ती, शराबखोरी में इन रूपयों पैसों को उड़ाया जाता है। ऐसे लोगों ने अभी से अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में अरण्डी के पेड़ स्थापित कर दिये हैं। होलिका प्रतिमाओं का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है। दो-चार दिनों से रंग-अबीर की दुकानें भी सज गई हैं। सुनील साहू / मोनिका /10 मार्च 2025/ 05.10