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10-Mar-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष और वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपी ललित मोदी अब घर के रहे न घाट के। वजह ये है कि मोदी भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं। उन्होंने वानूआतू की नागरिकता ली थी। लेकिन भारत के दवाब के चलते वहां के पीएम ने साफ कर दिया कि ललित मोदी की नागरिकता खत्म की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि ललित मोदी ने अपना पासपोर्ट सरेंडर करने का आवेदन कर दिया है। ललित मोदी 2010 में भारत से भागने के बाद लंदन में ही रह रहे थे। कई बार उन्होंने इंटरव्यू भी दिया और खुद को बेकसूर बताया है। भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के बाद पता चला कि उन्होंने प्रशांत महासागर के द्वीपीय देश वानूआतू का नागरिकता ले ली है। उन्हें गोल्डन पासपोर्ट मिल गया है। दरअसल वानूआतू अमीर लोगों को अपने देश की नागरिकता खरीदने की अनुमति देता है। लगभग 1.3 करोड़ रुपये ही खर्च करके वहां का पासपोर्ट लिया जा सकता है। हालांकि रिपोर्ट्स में बताया गया कि वानूआतू के पीएम ने अपने सिटिजनशिप कमीशन को उनका पासपोर्ट रद्द करने का आदेश दे दिया है। ललित मोदी भारतीय एजेंसियों की पकड़ से दूर जाने की पूरी योजना बना चुके थे। माना जा रहा था कि दूसरे देश की नागरिकता मिलने के बाद उनका प्रत्यर्पण बहुत मुश्किल हो जाएगा। वानूआतू की मीडिया में बताया गया है कि भारत के दबाव के बाद ही प्रशासन ने ललित मोदी पर एक्शन लेने का फैसला किया है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि न्यूजीलैंड में भारत की उच्चायुक्त नीता भूषण ने ललित मोदी का पासपोर्ट रद्द करवाने में बड़ी भूमिका निभाई है। वानूआतू को पहले जानकारी नहीं थी कि ललित मोदी का रिकॉर्ड क्या है। भगोड़ा होने की जानकारी मिलने के बाद उनपर एक्शन लिया गया है। वीरेंद्र/ईएमएस/10मार्च2025