ज़रा हटके
09-Mar-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। जिन लोगों के ज्यादा बच्चे होते हैं, वे शारीरिक और मानसिक रूप से ज्यादा फुर्तीले होते हैं और उनके दिमाग की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इस ताजा अध्ययन में चौकाने वाले खुलासे किए है। हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी चेतावनी दी कि इस अध्ययन के सभी प्रतिभागी यू.के. से थे, इसलिए जरूरी नहीं कि इसके निष्कर्ष दुनिया के अन्य हिस्सों पर भी लागू हों। यह अध्ययन बताता है कि बच्चों की वजह से रातों की नींद हराम होना और तनाव में रहना असल में सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस अध्ययन में यूके के 19,964 महिलाओं और 17,607 पुरुषों के ब्रेन स्कैन का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के अधिक बच्चे थे, उनकी उम्र बढ़ने के बावजूद फंक्शनल कनेक्टिविटी बेहतर थी। यानी उनके मस्तिष्क और शरीर के विभिन्न हिस्सों के बीच तालमेल अच्छा था। यह प्रभाव विशेष रूप से उन हिस्सों में देखा गया जो गति, संवेदना और सामाजिक जुड़ाव से जुड़े होते हैं। रटगर्स सेंटर फॉर एडवांस्ड ह्यूमन ब्रेन इमेजिंग रिसर्च में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अवराम होम्स के अनुसार, जिन क्षेत्रों में उम्र बढ़ने के कारण फंक्शनल कनेक्टिविटी कम होती है, वे बच्चे होने पर मजबूत हो जाते हैं। शोध में यह भी सामने आया कि यह प्रभाव महिला और पुरुष दोनों में समान रूप से देखा गया। इसका मतलब है कि मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव गर्भावस्था के बजाय पालन-पोषण से अधिक जुड़ा है। अध्ययन में कहा गया कि परिवार के साथ अधिक समय बिताना और सामाजिक आयोजनों में शामिल होना भी माता-पिता के मस्तिष्क को लाभ पहुंचाता है। सुदामा/ईएमएस 09 मार्च 2025