ज़रा हटके
09-Mar-2025
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दुबई (ईएमएस)। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एक इस्लामिक देश है, जहां शरीया कानून का पालन किया जाता है। शरीया कानून के अनुसार कई अपराधों की सजा सीधे मौत होती है। यहां की सरकार का मानना है कि अपराध को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका यह है कि अपराधी को इतनी कड़ी सजा दी जाए कि बाकी लोग अपराध करने से पहले ही डर जाएं। यही वजह है कि यहां चोरी जैसे छोटे अपराधों के लिए भी सख्त दंड दिए जाते हैं। यूएई की अदालतें अपराध के मामलों में तेजी से फैसले सुनाती हैं, जिससे अपराधियों को जल्द ही सजा मिल जाती है। खासतौर पर हत्या, बलात्कार और ड्रग तस्करी के मामलों में कोर्ट सीधे फांसी की सजा सुनाती है और कई बार दोषियों को अपील का मौका भी नहीं दिया जाता। ड्रग्स से जुड़े अपराधों पर यहां कोई नरमी नहीं बरती जाती। अगर कोई व्यक्ति ड्रग तस्करी या ड्रग्स बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे सीधे मौत की सजा दी जा सकती है। इसी तरह आतंकवाद को लेकर भी कानून बेहद सख्त है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि में शामिल पाए जाने पर बिना देर किए फांसी की सजा सुना दी जाती है। यूएई में लाखों विदेशी काम करने जाते हैं, लेकिन वहां के कानून इतने सख्त हैं कि अगर कोई विदेशी किसी गंभीर अपराध में पकड़ा जाता है, तो उसे किसी तरह की रियायत नहीं दी जाती। कई बार देखा गया है कि दूसरे देशों के नागरिकों को भी सीधे फांसी की सजा सुनाई गई है। हालांकि, हाल के वर्षों में कुछ मामलों में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला गया है, लेकिन ज्यादातर मामलों में सख्त सजा ही दी जाती है। सरकार का मानना है कि कड़े कानूनों की वजह से वहां अपराध दर बेहद कम है। कुछ लोग इसे न्यायसंगत मानते हैं, जबकि कुछ इसे बहुत ज्यादा कठोर बताते हैं। यूएई दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां कानून बेहद सख्त हैं। यहां हत्या, ड्रग तस्करी, बलात्कार और आतंकवाद जैसे अपराधों के लिए सीधे मौत की सजा दी जाती है। सुदामा/ईएमएस 09 मार्च 2025