ज़रा हटके
08-Mar-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। अक्सर बड़े स्ट्रोक से पहले मरीज को एक छोटा अटैक आता है, जिसे मिनी ब्रेन स्ट्रोक या ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक कहा जाता है। यह एक अस्थायी स्थिति होती है, जिसमें दिमाग की नस कुछ समय के लिए ब्लॉक हो जाती है, लेकिन यह 24 घंटे के अंदर खुद ही ठीक हो सकती है। हालांकि, इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि यह आगे चलकर बड़े स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। ब्रेन स्ट्रोक तब होता है जब दिमाग की नसों में खून का थक्का जम जाता है और रक्त संचार बाधित हो जाता है। इसके लक्षणों में शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना, बोलने या समझने में कठिनाई, अचानक चक्कर आना, तेज सिरदर्द, संतुलन खोना, और आंखों की रोशनी प्रभावित होना शामिल है। यदि ऐसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली और सही खानपान बेहद जरूरी है। लो-फैट और हाई-फाइबर युक्त आहार अपनाना चाहिए। नमक और तली-भुनी चीजों से परहेज करें। अपनी डाइट में नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, एवोकाडो, सेब, केला, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, पालक, टमाटर, दालें, राजमा, छोले, क्विनोआ, ओट्स, बादाम, चिया सीड्स और शकरकंद जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ शामिल करें। इसके अलावा, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी, और तनाव प्रबंधन ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए आवश्यक हैं। यदि किसी को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हृदय संबंधी समस्या है, तो उन्हें नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। सुदामा/ईएमएस 08 मार्च 2025