वॉशिंगटन (ईएमएस)। रोजाना सिर्फ पांच मिनट की शारीरिक गतिविधि करने से बुजुर्गों में डिमेंशिया का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह कहना है अमेरिकी अध्ययनकर्ताओं का। अमेरिका स्थित जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में बताया गया कि जो बुजुर्ग प्रतिदिन कुछ मिनट भी व्यायाम करते हैं, उनमें इस बीमारी के विकसित होने का खतरा उन लोगों की तुलना में 41 प्रतिशत तक कम हो जाता है, जो बिल्कुल भी सक्रिय नहीं रहते। अध्ययन में बताया गया कि शारीरिक गतिविधि न सिर्फ याददाश्त को दुरुस्त रखती है, बल्कि मस्तिष्क की संज्ञानात्मक क्षमताओं को भी बेहतर बनाती है। शोधकर्ताओं ने 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लगभग 90,000 वयस्कों के डेटा का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि जो लोग हर हफ्ते 35 से 69 मिनट तक मध्यम से तीव्र शारीरिक गतिविधि करते हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है। वहीं, जो लोग 70 से 139 मिनट तक व्यायाम करते हैं, उनमें यह जोखिम 63 प्रतिशत तक कम देखा गया। जो लोग हर हफ्ते 140 मिनट या उससे अधिक समय तक शारीरिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं, उनमें यह खतरा 69 प्रतिशत तक कम हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, व्यायाम करने से मस्तिष्क में रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे न्यूरॉन्स को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलते हैं। इसके अलावा, यह ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है, जो डिमेंशिया के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी वयस्कों को हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करने की सलाह देता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि थोड़ी-सी सक्रियता भी पूरी तरह निष्क्रिय रहने से बेहतर है और यह मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकती है। मालूम हो कि डिमेंशिया एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति की याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है। यह समस्या आमतौर पर वृद्धावस्था में देखी जाती है और इसका कोई ठोस इलाज नहीं है। सुदामा/ईएमएस 08 मार्च 2025