ज़रा हटके
05-Mar-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत में बड़ी संख्या में लोग विटामिन बी12 की समस्या से जूझ रहे हैं और इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं। शरीर में विटामिन बी12 की कमी का सबसे बड़ा कारण खानपान से जुड़ा होता है। विटामिन बी12 शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो रक्त कोशिकाओं, तंत्रिका तंत्र और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी होने पर शरीर में थकान, कमजोरी, याददाश्त की समस्या और यहां तक कि एनीमिया जैसी परेशानियां हो सकती हैं। यह विटामिन मुख्य रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे कि मांस, अंडे और डेयरी उत्पाद। जो लोग पूरी तरह शाकाहारी या वीगन डाइट अपनाते हैं, उनमें इस विटामिन की कमी होने की संभावना अधिक रहती है क्योंकि पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों में विटामिन बी12 लगभग नहीं के बराबर होता है। इसके अलावा, कुछ पाचन संबंधी समस्याएं भी शरीर में इस विटामिन की कमी का कारण बन सकती हैं। अगर आंतों का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो शरीर इस विटामिन को अवशोषित नहीं कर पाता। गैस्ट्रिक समस्याएं, क्रोहन डिजीज और कोलिएक रोग जैसी स्थितियों में यह अवशोषण और भी मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में पेट के एसिड का उत्पादन कम हो जाता है, जो इस विटामिन को भोजन से अलग करने में मदद करता है। यही वजह है कि अधिक उम्र के लोगों में इसकी कमी ज्यादा देखी जाती है। डायबिटीज और एसिडिटी की दवाएं भी शरीर में विटामिन बी12 के अवशोषण को बाधित कर सकती हैं। लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन करने वालों को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। वहीं, परनीसियस एनीमिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उन कोशिकाओं पर हमला कर देती है, जो विटामिन बी12 को अवशोषित करने में मदद करती हैं। अगर समय रहते इस विटामिन की कमी को पूरा नहीं किया गया, तो इससे न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, थकान, कमजोरी, त्वचा में पीलापन और डिप्रेशन जैसी परेशानियां हो सकती हैं। सुदामा/ईएमएस 05 मार्च 2025