नई दिल्ली,(ईएमएस)। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के भले ही केंद्र सरकार से अच्छे संबंध बताए जाते हैं लेकिन मौका आने पर उमर अपनी बात कहने से नहीं चूकते हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि यदि मोदी सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं होते हैं तो उनकी सरकार केंद्र के साथ अपने संबंधों को लेकर पुनर्मूल्यांकन कर सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी साफ शब्दों में कहा है कि पीएम मोदी के रहते जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल-370 की वापसी नहीं हो सकती है। दरअसल एक इंटरव्यू के दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला से जब यह पूछा गया कि जब तक नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं, क्या जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के बहाल होने की कोई संभावना है? उमर अब्दुल्ला ने साफ शब्दों में कहा कि नहीं, इसकी कोई संभावना नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के प्रति अपनी दृष्टिकोण को लेकर उठाए गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के पहले कुछ महीनों में केंद्र के साथ एक सहयोगात्मक संबंध स्थापित करना महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा, कम से कम मेरी सरकार के पहले कुछ महीनों में मुझे जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए केंद्र सरकार के साथ एक अच्छा कार्य संबंध स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए। 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा की इसकी बहाली के लिए संघर्ष को छोड़ा नहीं गया है। उन्होंने कहा, हमने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था जिसमें जम्मू और कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को बहाल करने और संवैधानिक गारंटी को फिर से लाने की मांग की गई थी। वीरेंद्र/ईएमएस/20फरवरी2025