मुंबई (ईएमएस)। हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे पहला किसिंग सीन 1933 में आई फिल्म ‘कर्मा’ में दिखाया गया था, जिसमें देविका रानी और हिमांशु राय मुख्य भूमिका में थे। यह ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म अपने समय से काफी आगे थी और इसमें फिल्माया गया किसिंग सीन चार मिनट लंबा था। फिल्म ‘कर्मा’ के इस सीन में देविका रानी का किरदार अपने बेहोश प्रेमी को जगाने के लिए उसे किस करता है। यह सीन उस समय के दर्शकों के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि भारतीय सिनेमा में इस तरह की खुली अभिव्यक्ति को लेकर काफी हिचकिचाहट थी। हालांकि, यह भी दिलचस्प है कि देविका रानी और हिमांशु राय असल जिंदगी में भी पति-पत्नी थे, जिससे इस सीन को फिल्माना थोड़ा आसान हो गया था। समय के साथ बॉलीवुड में बोल्ड सीन और किसिंग सीक्वेंस सामान्य हो गए। 2013 में रिलीज़ हुई नील नितिन मुकेश और सोनल चौहान की थ्रिलर फिल्म ‘3जी’ ने सबसे ज्यादा किसिंग सीन का रिकॉर्ड बनाया। इस फिल्म में कुल 30 किसिंग सीन थे, लेकिन इसके बावजूद यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही। इसी साल आई दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, परिणीति चोपड़ा और वाणी कपूर की फिल्म ‘शुद्ध देसी रोमांस’ में 27 किसिंग सीन थे। इसके बाद 2016 में रणवीर सिंह और वाणी कपूर की फिल्म ‘बेफिक्रे’ में 25 किसिंग सीन फिल्माए गए। हालांकि, आज भी कई बार फिल्मों में बोल्ड सीन को लेकर विवाद खड़े हो जाते हैं। लेकिन जिस तरह से दर्शकों की पसंद और समाज की सोच में बदलाव आया है, उसे देखते हुए रोमांस और इंटीमेट सीन अब सिनेमा का एक अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। जहां पहले मेकर्स इस तरह के सीन फिल्माने से हिचकिचाते थे, वहीं अब यह फिल्मों की कहानी का अहम पहलू बन चुके हैं। बता दें कि आज के दौर में फिल्मों में रोमांस और इंटीमेट सीन आम हो गए हैं, लेकिन एक समय था जब स्क्रीन पर किसिंग सीन दिखाना बड़ी बात मानी जाती थी। सुदामा/ईएमएस 18 फरवरी 2025