15-Feb-2025
...


- बंगले में होती थी डीलिंग - सिंघार बोले- मंत्री राजपूत ने आरटीओ की वसूली का रैकेट संभाला - भाजपा का जवाब- कांग्रेस सिर्फ झूठ का झुनझुना बजा रही भोपाल (ईएमएस)। आरटीओ के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सरकार पर सौरभ को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सौरभ के घर मिले दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए। 40 दिन फरारी के दौरान वह कहां रहा? किसने मदद की? इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह सच सामने आना चाहिए। सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है। कॉल डिटेल सामने आने के बाद कई अधिकारी और नेता बेनकाब होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर महीने 2 करोड़ रुपए जाते थे। सिंघार ने कहा है कि जो जानकारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को लेकर सामने लाई गई है, उसमें करीब 1250 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति का ब्योरा है। इसके रिकॉर्ड उनके पास हैं। सरकार को इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। गोविंद सिंह राजपूत अभी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री हैं। वे पूर्व में परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं। सिंघार ने उनके परिवहन मंत्री कार्यकाल को लेकर आरोप लगाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि मंत्री गोविंद राजपूत ने पूरे रैकेट को संभाला। दशरथ पटेल और अलीम खान रिटायर होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। उनके अलावा संजय ढांडे, संजय श्रीवास्तव ने गोविंद राजपूत के साथ मिलकर घोटाला किया। सिंघार ने कहा कि एक साल में करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी। हर महीने डेढ़ सौ करोड़ की कमाई की जाती थी। इसी से मंत्री गोविंद राजपूत ने साल 2019 से 2024 के बीच कई जमीनें खरीदीं। पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी। - समिति के नाम जमीन दान कराई उमंग सिंघार ने कहा कि मंत्री राजपूत ज्ञान वीर समिति के नाम पर जमीनें दान करा रहे हैं। इसके लिए एक समिति बनाई गई, जिसमें गोविंद सिंह ने पत्नी और बेटे को रखा। समिति को जमीन दान कराई गईं। जो जमीन दान की गई वो भी गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की हैं। - राजपूत के बंगले में डीलिंग का आरोप उन्होंने यह भी कहा कि उस दौरान परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत थे और सभी डील उनके बंगले पर होती थी। इस घोटाले में मंत्री राजपूत, हवाला कारोबारी लोकेश, संजय श्रीवास्तव और श्वेता श्रीवास्तव शामिल थे, जो क्लोन कंपनी चलाते थे। सिंघार ने कहा कि सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर इस मामले को दबाने की कोशिश की गई, तो कांग्रेस इसे एक बड़ा मुद्दा बनाएगी। - उमंग के आरोप और खुलासे - सौरभ शर्मा के यहाँ से मिले दस्तावेजों की जांच नहीं हुई, उनकी गिरफ्तारी 41 दिन बाद हुई। - सौरभ शर्मा के फ़ोन का CDR जारी नहीं किया गया, जिससे कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं। - गोविंद राजपूत इस पूरे रैकेट को सँभालते थे, उनके कार्यालय में ही सारी डीलिंग होती थी। - गोविंद राजपूत ने 2019 से 2024 के बीच अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के नाम पर 600 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की। - 2023 में अपने 134 करोड़ की संपत्ति को शपथ पत्र में छुपाया। - ज्ञान वीर समिति के नाम पर दान की आड़ में ज़मीनों की हेराफेरी की गई। - दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में भी गोविंद सिंह राजपूत और उनके बिजनेस पार्टनर्स ने ज़मीनें खरीदीं। - परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर माह 2 करोड़ रुपये दिए जाने का आरोप। भाजपा का आरोप- उमंग ने मंत्री रहते ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार किया सिंघार द्वारा भ्रष्टाचार और अवैध वसूली को लेकर भाजपा सरकार और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद, भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस और सिंघार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने उमंग सिंघार की पत्रकार-वार्ता को झूठ का झुनझुना करार दिया और कहा कि जो खुद भ्रष्टाचार और अनैतिक मामलों में घिरे हैं, वे दूसरों पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। अग्रवाल ने कहा कि ये वही उमंग सिंघार है, जिन पर 15 महीने की कमलनाथ सरकार के दौरान अपने ही मंत्रालय में खरीद-फरोख्त, ट्रांसफर, पोस्टिंग जैसे कई मामलों में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन पर झारखंड के प्रभारी सचिव रहते टिकट बेचने के आरोप भी लगे थे, ये आरोप कांग्रेस नेताओं ने ही लगाए थे।