लेख
15-Feb-2025
...


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया। उसमें उन्होंने 12 लाख रुपए तक की आय को कर मुक्त करने की घोषणा की। दिल्ली विधानसभा का चुनाव होना था। सरकार ने 12 लाख रुपए तक की आयकर में छूट देकर वाह-वाही लूटी। इसी के साथ दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी भाजपा ने जीत लिया। बजट के साथ जो आयकर का स्लैब सरकार ने दिया है, उसको लेकर लोगों के मन में संदेह था, 12 लाख रुपए से ज्यादा की आय होने पर अलग-अलग स्लेब में अलग-अलग टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री ने बजट के दौरान यह घोषणा की थी, कि जल्द ही नया आयकर बिल पेश किया जाएगा। जिसमें नियमों का सरलीकरण किया जाएगा। 13 फरवरी को लोकसभा में आयकर बिल पेश कर दिया गया है। इस बिल को अभी चयन समिति के पास भेजा गया है। आयकर बिल को लेकर स्थिति स्पष्ट होने के स्थान पर लोगों के मन में शंका और संदेह बढ़ा है। आयकर बिल में सरकार ने 80 सी के प्रावधान को खत्म कर दिया है। नए बिल में इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। कैपिटल गैन को लेकर कोई संशोधन नहीं लाया गया है। आयकर बिल में नई टैक्स व्यवस्था और पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर अनिश्चय की स्थिति बनी हुई है। धारा 80 सी के तहत इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जीवन बीमा प्रीमियम, नेशनल पेंशन स्कीम तथा टैक्स सेविंग डिपॉजिट को लेकर 80 सी के प्रावधान में बदलाव किया गया है। अभी तक जो छूट 80 सी के तहत मिलती थी उसके लिए आयकर बिल में धारा 123 को जोड़ा गया है। इस धारा में किसी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार को टैक्स वर्ष में भुगतान या जमा की गई राशि पर छूट देने का प्रावधान किया गया है। यह प्रावधान डेढ़ लाख रुपए से अधिक नहीं होगा। सरकार आयकर नियमों को सरल करने के लिए नया बिल लेकर आई है। नया आयकर बिल 622 पन्नों का है। आयकर बिल में 536 धाराओं को शामिल किया गया है। वर्तमान में जो आयकर अधिनियम लागू था, उसमें 823 पन्नों में आयकर के नियमों का विवरण दिया गया था। अभी कुल 298 धारायें थीं। इस हिसाब से आयकर बिल के पन्ने जरूर घट गए हैं, लेकिन आयकर की धाराओं को बढ़ा दिया गया है। सरकार कह रही है, उसने आयकर नियमों का सरलीकरण कर दिया है, लेकिन जिस तरह से आयकर बिल में, बट-किंतु-परंतु करते हुए नई-नई धाराओं का प्रावधान किया गया है, उसके कारण आयकर विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ना तय है। आयकर विभाग का अधिकारी मनमाने तरीके से अपनी सुविधा के अनुसार नए बिल की धाराओं का उपयोग कर सकेंगे। इससे आम आयकर दाताओं की मुसीबत निश्चित रूप से बढ़ने वाली है। कर विशेषज्ञों का यह मानना है, इससे आयकर विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। सरकार की मनमानी भी बढ़ सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तथा राज्यसभा के सांसद राघव चड्ढा के बीच तीखी नोकझोंक संसद में सामने आई। निर्मला सीतारमण ने राघव चड्ढा की सीए की डिग्री पर सवाल उठा दिया है। सांसद राघव चड्ढा ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया है, सरकार ने आयकर को लेकर गलत घोषणा की है। राघव चड्ढा का वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें वह निर्मला सीतारमण द्वारा की गई गलत बयानी को बता रहे हैं। 12 लाख से यदि ₹1 की भी ज्यादा आय होगी, ऐसी स्थिति में आयकर दाता को स्लैब के अनुसार 4 लाख से ऊपर की आय पर टैक्स भरना होगा। नए और पुराने टैक्स व्यवस्था के रूप में सरकार ने आयकर दाताओं के लिए एक ऐसा मकडजाल बुना है जो आगे चलकर उनके लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ा करने वाला है। भाजपा और केंद्र सरकार ने यह खेल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए किया था। यह रणनीति भाजपा के लिए मुफीद साबित हुई। दिल्ली में स्पष्ट बहुमत से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। सरकार ने 12 लाख रुपए की आय का जो शगूफा छोड़ा था इसका फायदा भाजपा को पूरी तरह से मिल गया है। सरकारी नौकरी वालों को इसमें सबसे ज्यादा नुकसान होगा किसी तरह से वह अपने आमदनी को कम या ज्यादा नहीं कर सकते हैं 12 लाख की छूट देने के बाद भी 4 लाख से अधिक की आय पर आयकर दाताओं को टैक्स भरना ही पड़ेगा। एक तरह से आयकर दाताओं को शर्तों के नाम पर ठगा गया है। ईएमएस/15/02/2025