व्यापार
15-Feb-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। शीर्ष उद्योग संगठनों एसोचैम और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा को व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने में ऐतिहासिक बताया। एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के निरंतर विश्वास और मजबूती का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा से कई ठोस परिणाम सामने आए हैं। इसमें रक्षा, आतंकवाद, जीवाश्म ईंधन और परमाणु ऊर्जा, दोनों देशों को कवर करने वाली ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार और निवेश के अलावा भारत की मानव पूंजी का लाभ उठाने में सहयोग को मजबूत करना शामिल है। एक अन्य प्रमुख परिणाम, वर्ष के अंत तक एआई इंफ्रास्ट्रक्चर को गति देने के लिए यूएस-भारत रोडमैप का विकास है। वहीं फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार के अनुसार, यह यात्रा गहन आर्थिक सहयोग, व्यापार का विस्तार, निवेश को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक के रूप में उभर रहा है। ये घटनाक्रम भारतीय निर्यातकों को नए मौके प्रदान करेगा। टेक्नोलॉजी, डिफेंस और ग्रीन एनर्जी पर ध्यान केंद्रित करने से विशेष रूप से भारत के निर्यात क्षेत्रों को लाभ होगा और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। कुमार ने बढ़ते निवेश फोकस की सराहना की, जो भारत में नए उद्योगों और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा, मेक इन इंडिया पहल को गति प्रदान करेगा और भारतीय निर्यात की मांग को बढ़ाएगा। फोकस क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और वस्त्र शामिल हैं, जिसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य मिशन 500 के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब डॉलर तक पहुंचना है। कुमार ने इस साल के अंत तक बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए प्रारंभिक समय-सीमा की सराहना की, जिसका उद्देश्य बाजार पहुंच बढ़ाना, व्यापार बाधाओं को कम करना और सप्लाई चेन इंटीग्रेशन में सुधार करना है। फियो प्रमुख कुमार ने कहा, ये निवेश भारतीय निर्यातकों के लिए नए मौके पैदा करेगा और भारत को नवाचार तथा विनिर्माण के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। आईटी, एआई और 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग बढ़ाने पर मुख्य ध्यान दिया गया, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय तकनीकी व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण विकास संभावनाएं खुलेंगी। आशीष दुबे / 15 फरवरी 2025