ज़रा हटके
15-Feb-2025
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वॉशिंगटन (ईएमएस)। वजन घटाने की दवा ओझेंपिक का सेवन करने वाले मरीजों को आंखों की रोशनी खोने का खतरा हो सकता है। ओझेंपिक और मौनजारो में मौजूद सक्रिय तत्व सेमाग्लूटाइड और तीरजेपाटाइड आंखों में सूजन और रक्त प्रवाह में रुकावट का कारण बन सकते हैं, जिससे स्थायी अंधापन हो सकता है। अमेरिका में हुए ताजा शोध में यह खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने इन दवाओं के उपयोग से जुड़े अंधेपन के मामलों की जांच की, जिसमें नौ मरीज शामिल थे। एक महिला ने डायबिटीज के इलाज के लिए ओझेंपिक का पहला डोज लिया और अगली सुबह उसकी बाईं आंख की रोशनी चली गई। इस घटना के बाद उसने दवा लेना बंद कर दिया, लेकिन कुछ समय बाद जब उसने फिर से दवा लेना शुरू किया, तो उसकी दाईं आंख की रोशनी भी चली गई। इसी तरह के एक अन्य मामले में एक महिला ने सेमाग्लूटाइड का एक साल तक उपयोग किया और एक सुबह उसे बाईं आंख में अंधेरा सा महसूस हुआ। जांच में पाया गया कि उसकी रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं, जिससे स्थायी अंधापन हो गया। विशेषज्ञों के मुताबिक, ओझेंपिक और मौनजारो जैसे वजन घटाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इन दवाओं से शरीर में रक्त शर्करा का स्तर तेजी से गिर सकता है। इसके परिणामस्वरूप आंखों के ऊतकों में रक्त प्रवाह रुक सकता है, जिससे ऑप्टिक नर्व तक खून की आपूर्ति में रुकावट आती है। इस स्थिति को नोनाटेरीटिक इस्चेमिक अंटेरियर ऑप्टिक न्यूरोपेथिक (नेशन) कहा जाता है, जो दृष्टि को प्रभावित कर सकता है। डॉक्टरों का मानना है कि जो मरीज पहले से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें इन दवाओं का उपयोग करते समय अधिक सतर्क रहना चाहिए। अमेरिका में हर साल लगभग 6,000 लोग नेशन से प्रभावित होते हैं। अमेरिकी नेत्र रोग विशेषज्ञों की संस्था ने मरीजों को आगाह किया है कि अगर वे दवा लेते समय दृष्टि में कोई भी असामान्यता महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सुदामा/ईएमएस 15 फरवरी 2025