नई दिल्ली,(ईएमएस)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। इससे पहले, 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था। गौरतलब है कि जातीय हिंसा के चलते भारी दबाव के बाद बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दिया था। मणिपुर में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा जारी थी, जिससे राज्य में अशांति बनी हुई थी। 21 महीनों से जारी इस हिंसा को लेकर बीरेन सिंह पर इस्तीफे का दबाव था। विपक्षी पार्टियां भी एनडीए सरकार से लगातार इस मुद्दे पर सवाल पूछ रही थीं। इसके चलते 9 फरवरी को बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। कूकी समुदाय की मांग: अलग प्रशासन कूकी समुदाय की संस्था आईटीएलएफ के प्रवक्ता गिन्जा वूलजोंग ने कहा कि बीरेन सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव में हार के डर से इस्तीफा दिया। हाल ही में उनका एक ऑडियो टेप लीक हुआ था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। प्रवक्ता ने कहा, मैतेई समुदाय ने हमें अलग कर दिया है, अब हम पीछे नहीं हट सकते। बहुत खून बह चुका है। हमारी मांग अलग प्रशासन की है। कूकी समुदाय ने साफ कर दिया कि वे अपनी अलग प्रशासन की मांग से पीछे नहीं हटेंगे। राहुल गांधी ने लिया पीएम मोदी को निशाने पर कांग्रेस सांसद व लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद पीएम मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि हिंसा और जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम मोदी ने बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा। राहुल गांधी ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा कि अब जरूरी है कि मणिपुर में शांति बहाल की जाए और लोगों के घावों को भरा जाए। उन्होंने मांग की कि पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं। अब आगे क्या? राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद अब राज्य की बागडोर केंद्र सरकार के हाथ में होगी। मणिपुर में हालात सामान्य करने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठाती है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। कूकी और मैतेई समुदायों के बीच तनाव को दूर करने के लिए क्या कोई नई सुलह प्रक्रिया शुरू होगी? यह देखना अहम होगा। हिदायत/ईएमएस 13फरवरी25