- रुपया भी गिरेगा - रूपये की साख बचाने आरबीआई का ढाई लाख करोड़ का प्लान नई दिल्ली (ईएमएस)। शेयर बाजार में बुधवार 12 फरवरी को लगातार छठवें दिन भारी गिरावट देखी गई। इन 6 दिनों में निवेशकों की संपत्ति में करीब 24 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है। वहीं शुक्रवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। रुपया भी रिकार्ड स्तर तक गिर सकता है, जिसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने एक रात वाले वैरिएबल रेपो रेट के आधार पर बैंकिंग सिस्टम में पैसे डालने के लिए बड़ी नीलामी की तैयारी कर ली है। बुधवार को यह पैसा बैंकिंग सिस्टम में डाला गया, जो 28.85 अरब डॉलर (करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये) है। यह रकम आज तक आरबीआई की ओर से एक दिन में डाली की सबसे बड़ी मात्रा है। ग्लोबल ट्रेड वार की आशंका विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, ग्लोबल ट्रेड वार की आशंका और मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन जैसी वजहें बाजार पर दबाव बना रहे हैं। विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। मंगलवार 11 फरवरी को भी उन्होंने शुद्ध रूप से करीब 4,486।41 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। फरवरी महीने में अब तक उन्होंने 17,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की बिकवाली की है। इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। वहीं अमेरिका ने अपने निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार से दूर रहने की सलाह दी है। केमन आयरलैंड से भी अमेरिकी पैसा निकल रहा है। शेयर बाजार में हर तेजी को उम्मीद से पहले ही चुनौती का सामान करना पड़ रहा है। जिसके चलते बड़े अपस्विंग यानी तेजी की संभावना कम है। - निफ्टी ने 23,200 का स्तर तोड़ा निफ्टी ने 23,200 का स्तर तोड़ दिया है, जिससे मजबूत वापसी की उम्मीदें कमजोर हो गई है। मार्केट के अब वापस 22,800 के स्तर तक जाने की संभावना बढ़ गई है। सबसे बड़ी चिंता मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जारी भारी बिकवाली को लेकर है, जो अभी काफी कमजोर दिख रहे हैं। बाजार का सेंटीमेंट अभी भी नाजुक बना हुआ है। शेयर बाजार में इस समय निराशा छाई हुई है। निफ्टी के 23,000 अंक से नीचे जाने पर गिरावट की आशंका और बढ़ गई है। विदेशी निवेशक इस साल अबतक करीब 1 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। इसके अलावा ट्रंप की टैरिफ धमकियों के चलते भी मार्केट में चिंता देखी जा रही है। - बैंकों में 2 लाख करोड़ की कमी आरबीआई की ओर से जारी आंकड़े देखें तो पता चलता है कि बीते 10 फरवरी तक एक सप्ताह से भी कम समय के भीतर भारतीय बैंकिंग प्रणाली में लिक्विडी यानी पूंजी की कमी 4 गुना बढ़कर करीब 2 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है। इसका कारण आउटफ्लो और आरबीआई की ओर से आक्रामक डॉलर बिक्री को बढ़ावा देना है। इससे पहले आरबीआई ने बीते सोमवार को भी फॉरेक्स मार्केट में 4 से 7 अरब डॉलर बेचे थे, जो रुपये को समर्थन देने के लिए था।