13-Feb-2025
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नई दिल्ली(ईएमएस)। उच्चतम न्यायालय ने शीना बोरा की हत्या की आरोपी उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी को कोर्ट ने विदेश जाने की अनुमति नहीं दी और उसकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि अनुमति मिलने के बाद क्या गारंटी है कि आप विदेश से वापस लौट आएंगी। इस लिए आपको विदेश जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इंद्राणी ने बंबई उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में यह याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने भी उसे विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी थी। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने निचली अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले की कार्यवाही एक साल के भीतर पूरी करे। पीठ ने कहा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप वापस आएंगी। मुकदमा की सुनवाई अगले चरण में पहुंच चुकी है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि मुकदमा अभी जारी है, हम इस चरण में अनुरोध पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हम निचली अदालत को निर्देश देते हैं कि वह सुनवाई में तेजी लाए और एक साल के भीतर इसे पूरा करे। पीठ ने मुखर्जी को निचली अदालत में जाने की स्वतंत्रता दी। याचिका का विरोध करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के वकील ने कहा था कि यह एक संवेदनशील मामला है और सुनवाई करीब आधी पूरी हो चुकी है तथा 96 गवाहों से पूछताछ हो चुकी है। पूर्व मीडिया कार्यकारी मुखर्जी की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत ने जमानत दे दी है और मामले में अब भी 92 गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है। उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों से निचली अदालत में सुनवाई नहीं हुई और कार्यवाही पूरी होने में लंबा समय लग सकता है। यात्रा प्रतिबंध का मामला उच्चतम न्यायालय में तब आया जब 19 जुलाई को एक विशेष अदालत ने मुखर्जी की अगले तीन महीनों में स्पेन और ब्रिटेन की 10 दिन की यात्रा के अनुरोध वाली याचिका को स्वीकार कर लिया। वीरेंद्र/ईएमएस/13फरवरी2025