नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्रांति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभर रहा है। भारत एआई) उद्योग दुनिया भर में तकनीकी परिदृश्य को फिर से आकार दे रहा है। पेरिस में चल रही एआई एक्शन समिट में यह बयान ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर्स ने दिया। समिट का तीसरा संस्करण एआई गवर्नेंस पर वैश्विक संवादों का हिस्सा है, और इसकी सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। समिट में दुनिया की प्रमुख टेक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी एआई क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमता की सराहना कर रहे हैं। ओपनएआई के सीईओ, सैम ऑल्टमैन ने भारत को एआई का एक बड़ा बाजार और अपनी कंपनी के लिए दूसरी सबसे बड़ी मार्केट बताया। उन्होंने कहा, भारत के लोग असाधारण एआई एप्लीकेशन बना रहे हैं और इस क्षेत्र में देश को लीडर के रूप में उभरना चाहिए। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन सत्य नडेला ने भी भारत की एआई में अग्रणी भूमिका की क्षमता की सराहना की। एनवीडिया के सीईओ जेन्सेन हुआंग ने भारत से अपनी खुद की एआई तकनीक निर्माण करने का आग्रह किया और कहा कि देश अगली पीढ़ी के एआई डिलीवरी का केंद्र बन सकता है। एएमडी की सीईओ लिसा सु ने भी भारत को अपने विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। भारत की बढ़ती एआई क्षमता और इसके तेजी से विकास के संकेत इस क्षेत्र में एक नई दिशा में अग्रसर हैं। आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्णा ने भारत की विशाल जनसंख्या और डेटा वेल्थ को एआई परिदृश्य में एक अद्वितीय लाभ बताया। इसके अलावा, एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में एआई को अपनाने की दर वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है, और लगभग 94 प्रतिशत भारतीय पेशेवरों का मानना है कि एआई स्किल में महारत उनके करियर के विकास में तेजी लाएगी। सुदामा/ईएमएस 13 फरवरी 2025