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12-Feb-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून यानी पीएमएलए का भी दहेज कानून की ही तरह गलत इस्तेमाल हो रहा है। कोर्ट ने यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले में आरोपी पूर्व आईएएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी की जमानत देते हुए की। जस्टिस अभय ओक ने मामले में ईडी को फटकार लगाते हुए कहा कि 498ए की तरह ही पीएमएलए का भी दुरुपयोग हो रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग कानून के प्रावधानों का उपयोग किसी आरोपी को हमेशा के लिए जेल में रखने के लिए नहीं किया जा सकता। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टिन मसीह की पीठ ने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों का इस्तेमाल किसी को हमेशा के लिए जेल में रखने के लिए नहीं किया जा सकता।कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी फटकार लगाते हुए कहा कि पीएमएलए का दहेज कानून (धारा 498ए) की तरह दुरुपयोग किया जा रहा है। पिछली सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने ईडी द्वारा दायर हलफनामे पर सवाल उठाते हुए कहा था कि एजेंसी के भीतर कुछ गड़बड़ है। कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताया था। बता दें कि ईडी ने त्रिपाठी को शराब घोटाला मामले में मई 2023 में गिरफ्तार किया था।आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी त्रिपाठी ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड के एमडी के रूप में भी काम किया था।