इस्लामाबाद (ईएमएस)। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन पाकिस्तान की यात्रा पर आ रहे हैं। मलेशिया और इंडोनेशिया की यात्रा के बाद उनका अगला पड़ाव इस्लामाबाद होगा। यह यात्रा तब हो रही है जब दोनों देशों के बीच रक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग मजबूत हुआ है। तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने तुर्की से नौसैनिक जहाज खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसी वर्ष जनवरी में, दोनों देशों ने पूर्वी भूमध्य सागर में एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया, जो उनकी बढ़ती रक्षा साझेदारी का प्रतीक है। तुर्की ने पाकिस्तान को टी129 एटीएके हेलीकॉप्टर, क्लास के कोरवेट और अन्य सैन्य उपकरण प्रदान किए हैं। वहीं तुर्की और पाकिस्तान दोनों ही आतंकवाद से प्रभावित हैं। पाकिस्तान जहां बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवाद से परेशान है, वहीं तुर्की कुर्द अलगाववादियों से जूझ रहा है। दोनों देशों ने आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने के लिए हाल ही में एक परामर्श बैठक आयोजित की। भारत इस बात पर नजर रखेगा कि यह सहयोग आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के लिए है या भारत विरोधी गतिविधियों के लिए एक नया मंच तैयार हो रहा है। तुर्की ब्रिक्स संगठन का सदस्य बनने की महत्वाकांक्षा रखता है, लेकिन इसके लिए भारत की स्वीकृति जरुरी है। इस कारण एर्दोगन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया, जो पाकिस्तान के लिए एक झटका था। तुर्की अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए पश्चिम के अलावा अन्य विकल्प तलाश रहा है, और ब्रिक्स में शामिल होना उसके लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है। तुर्की ने अपने 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को पाकिस्तान को ऑफर किया है। यह भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान इस अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग भारत के खिलाफ कर सकता है। इसके अलावा, तुर्की की ड्रोन इंडस्ट्री दुनिया में शीर्ष पर है, और वह पाकिस्तान को एडवांस्ड ड्रोन तकनीक मुहैया करा रहा है। भारत की रणनीतिक दृष्टि भारत अपने नौसैनिक और वायु सेना क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है। एर्दोगन की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच होने वाले रक्षा समझौतों पर भारत की नजर बनी रहेगी। इसके अलावा, हाल ही में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको सहत कई हाई-प्रोफाइल नेताओं ने पाकिस्तान का दौरा किया है, जो पाकिस्तान की अपनी वैश्विक स्थिति को फिर से मजबूत करने की कोशिशों का हिस्सा माना जा रहा है। आशीष दुबे / 12 फरवरी 2025