कीव(ईएमएस)। हाल ही में रूसी सैनिकों को वीआर हेडसेट एक कंपनी ने दान किए थे। जब सैनिकों ने इसका उपयोग किया तो इसमें जबरदस्त धमाका हो गया। हालांकि इससे धमाके में कितने सैनिकों को नुकसान पहुंचा या नहीं पहुंचा इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई। अब इस मामले की जांच की जा रही है। बता दें कि लेबनान में पिछले साल सैकड़ों पेजर्स अचानक एक साथ बजने लगे। लोगों ने जब उन्हें निकालकर देखा तो वह ब्लास्ट हो गए। 30 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों घायल हुए। इसके पीछे इजरायल था, जिसने बम लगे पेजर लेबनान के हिजबुल्लाह तक पहुंचा दिए। अब इसी तरह का एक कारनामा कथित तौर पर यूक्रेन ने करने की कोशिश की है। रूसी सेना के पास ऐसे ड्रोन वीआर हेडसेट पहुंचाए गए, जिन्हें चालू करते ही उसमें धमाका हो गया। वीआर हेडसेट को सिर पर पहना जाता है और पूरी आंखों को कवर करता है। ड्रोन के कैमरे में जो कैप्चर होता है वह वीआर हेडसेट पर दिखता है। रूसी मीडिया ने खुलासा किया है कि पुतिन के सैनिकों को मिले ड्रोन हेडसेट में प्लास्टिक विस्फोटक लगा हुआ था। यह घटना रूसी सेना के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। यह यूक्रेनी साइबर या गुरिल्ला हमले की ओर इशारा करती है। सरकारी मीडिया के मुताबिक रूसी निर्माता कंपनी के प्रवक्ता इगोर पोटापोव ने कहा कि एक व्यक्ति ने इन हेडसेट को मानवीय सहायता के रूप में दान किया था। जब सैनिकों ने इन हेडसेट को चालू किया तो फट गए और धमाका हो गया। पोटापोव ने कहा कि ये हेडसेट ‘स्काईजोन कोबरा एक्स वी4’ मॉडल के थे, जो फर्स्ट-पर्सन व्यू ड्रोन को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जब सैनिकों ने पूरे बैच को चेक किया तो सभी ड्रोन के हेडसेट में बम लगे थे। रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध एक्सपर्ट और ब्रिटेन के ससेक्स यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन के लेक्चरर मैथ्यू फोर्ड ने इस हमले की तुलना पिछले साल हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के हमले से की। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने कई महीनों तक इस हमले की प्लानिंग की थी। इजरायल ने सप्लाई चेन में भी सेंध लगाई थी। लेकिन रूस को मिले ड्रोन के उदाहरण की बात करें तो यह व्यक्तिगत दान के तौर पर दिया गया है। युद्ध के दौरान दोनों सेनाओं ने कई बार क्राउड फंडिग का रुख किया है। वीरेंद्र/ईएमएस/12फरवरी2025