-सरकार की दलील को किया खारिज नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने वन संरक्षण कानून 2023 में संशोधन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए देशभर के वन क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि जब तक संशोधनों की पूरी समीक्षा नहीं हो जाती, तब तक केंद्र और राज्य सरकारें किसी भी प्रकार की कटाई की अनुमति नहीं दे सकतीं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि 2023 का संशोधन वन संरक्षण को और मजबूत करने के लिए किया गया है। लेकिन याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि इन संशोधनों से विकास परियोजनाओं के नाम पर जंगलों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल याचिकाकर्ताओं की दलील को तवज्जो देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों को कोई भी नया कदम उठाने से रोक दिया है। वन संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक फैसला अब सरकार को किसी भी परियोजना के लिए वन क्षेत्र में पेड़ काटने से पहले सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेनी होगी। यह आदेश केंद्र और राज्य सरकारों के लिए बाध्यकारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। पर्यावरणविदों ने किया फैसले का स्वागत पर्यावरण विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को वन संरक्षण के लिए ऐतिहासिक कदम बताया है। इससे देशभर में हरे-भरे जंगलों को बचाने में मदद मिलेगी और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा।