व्यापार
07-Feb-2025
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- दत्ता को मिल सकती है 500 करोड़ की संपत्ति नई दिल्ली (ईएमएस)। टाटा समूह के दिग्गज दिवंगत रतन टाटा की वसीयत एक बार फिर सुर्खियों में है। टाटा की वसीयत में एक नाम ने सभी को चौंका दिया है। इस नाम के पीछे है एक महान कहानी, जिसे जानकर सभी हैरान हो रहे हैं। मोहिनी मोहन दत्ता जो कि जमशेदपुर के एक करोबारी हैं, रतन टाटा की वसीयत में शामिल हैं। इनकी उम्र अब 80 साल से अधिक हो गई है, लेकिन इनका नाम एक अहम भूमिका निभा चुका है रतन टाटा की जिंदगी में। दत्ता की पहली मुलाकात रतन टाटा से 1960 के दशक में हुई थी, जब वे केवल 24 साल के थे। उनका संबंध पहले टाटा स्टील में काम करने से शुरू हुआ था। दत्ता ने अपना करियर ताज ग्रुप के साथ शुरू किया और फिर अपनी खुद की उद्यमिता से स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी खोली। जब ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के साथ इसका विलय हुआ, तो उनके पास व्यवसाय में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी थी। दत्ता के पास एक ताज के ट्रैवल डिवीजन के साथ विलय करने के बाद उनकी कार्यक्षमता और योगदान को देखते हुए उन्हें टीसी ट्रैवल सर्विसेज़ के निदेशक बनाया गया। इतने व्यापक और सुदृढ व्यापारिक सफर के बावजूद, दत्ता का जीवन से जुड़ाव रतन टाटा के साथ हमेशा सामर्थ्य और सम्मान का भाव बना रहा है। उनका नाम रतन टाटा की वसीयत में शामिल होने से कई सवाल उठते हैं, लेकिन इनकी कहानी और योगदान उनकी महिमा को और भी उत्कृष्ट बना रहा है। सतीश मोरे/07फरवरी ---