नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत के दौरे पर आए ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन का कहना है कि भारत अब एआई क्षेत्र में एक प्रमुख लीडर के रूप में उभर सकता है, और इस क्षेत्र में यह देश अपनी स्थिति को और मजबूत बना सकता है। उन्होंने एक पब्लिक इवेंट में भारतीय एआई सेक्टर के भविष्य पर अपनी राय दी। ऑल्टमैन का यह बयान 2023 में उनके एक पहले बयान के मुकाबले काफी अलग था। उस समय, जब उनसे पूछा गया था कि क्या एक छोटी सी टीम और सीमित संसाधनों से चैटजीपीटी जैसा लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) तैयार किया जा सकता है, तो उन्होंने इसे बेमानी बताया था और कहा था कि इस दिशा में उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना कोई फायदेमंद नहीं होगा। लेकिन अब उनका मानना है कि एआई में दुनिया ने काफी प्रगति की है और अब यह संभव हो सकता है, हालांकि मॉडल बनाने की प्रक्रिया अभी भी सस्ती नहीं है, लेकिन यह अब किया जा सकता है। ऑल्टमैन ने कहा, भारत इस क्षेत्र में बेशक एक लीडर बन सकता है, और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह एआई के क्षेत्र में भारत के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार हैं। उनके बयान ने यह संकेत दिया कि भारत में एआई की संभावनाओं को देखते हुए यह देश वैश्विक एआई प्रतिस्पर्धा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 2023 में उनका विचार था कि सीमित संसाधनों के साथ लार्ज लैंग्वेज मॉडल बनाना संभव नहीं था, लेकिन अब चीन ने अपनी नई उपलब्धि डीपसीक के साथ इस धारणा को चुनौती दी है। डीपसीक, जो एक छोटी टीम द्वारा बनाया गया है और पूरी तरह से मुफ्त है, ने साबित कर दिया है कि कम संसाधनों के साथ भी इस प्रकार के मॉडल बनाए जा सकते हैं, जिससे सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या अरबों डॉलर का निवेश वाकई जरूरी है? सुदामा/ईएमएस 07 फरवरी 2025