राज्य
06-Feb-2025
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आचार्य विद्यासागरजी की स्मृति को सम्मान...प्रदेश में हर साल मनेगा स्मृति दिवस, प्रथम स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री का ऐलान - मुख्यमंत्री ने विद्यासागर जी महाराज के जीवन और कृतित्व पर आधारित 25 पुस्तकों का विमोचन किया भोपाल (ईएमएस)। मप्र विधानसभा परिसर में आचार्य विद्यासागर जी की प्रथम समाधि स्मृति दिवस पर एक भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में प्रतिवर्ष लोक संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज का स्मृति दिवस मनाया जाएगा और भोपाल में उनकी स्मृतियों को संजोने के लिए एक स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इस घोषणा से समूचे जैन समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज और अन्य संसघ जैन संतों के सान्निध्य में आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज का प्रथम स्मृति दिवस विधानसभा परिसर में मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोपाल में आचार्य विद्यासागर महाराज का स्मारक बनाया जाएगा। सीएम ने मंच पर बैठे मुनि प्रमाण सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन (पैर धोए) किया। दिगंबर जैन मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा रोशनपुरा चौराहा, मालवीय नगर, बिरला मंदिर होते हुए विधानसभा पहुंची। कार्यक्रम में आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन पर आधारित 25 किताबों का विमोचन किया गया। जैन समाज के अध्यक्ष ने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और मेट्रो का नाम आचार्य विद्यासागर के नाम पर करने की मांग की है। कार्यक्रम में सांसद आलोक शर्मा, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन के अंत में एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री की स्मृति में भोपाल में भी एक स्मारक स्थल बनाया जाएगा जहां उनसे जुड़ी स्मृतियां संजोई जाएंगी। स्थान चयन बाद में किया जाएगा। सीएम डॉ. यादव की इस घोषणा का जैन समाज के हजारों लोगों ने काफी देर तक तालियां बजाकर जोरदार स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह दृश्य बदलते हैं, उसी तरह महा पुरुष शरीर बदलते हैं। विद्यासागर जी महाराज ने अपने जीवन आदर्शों से वह आदर्श प्रस्तुत किए, जिससे वे जीते जी देवता की तरह पूजे गए, पूजे जाते रहेंगे। वे सिर्फ आंखों से ओझल हुए हैं, लेकिन वे, उनके आदर्श, उनके बताए गए सद्मार्ग हमेशा हमारे साथ रहने वाले हैं। आचार्यश्री साक्षात देवता थे अपने संबोधन में सीएम डॉ. यादव ने आचार्य श्री का पुण्य स्मरण करते कहा कि इसी विधानसभा मंी उनके अलौकिक स्वरुप के दर्शन किये तो ऐसा लगा था कि साक्षात देवता हमारे बीच पधारे थे। ये कहना गलत होगा कि आचार्यश्री हमारे बीच नहीं हैं, वे हमारे ही बीच हैं बस उन्हें स्मरण करने की देर है। आचार्यश्री ने सच्चे अर्थों में मानव सेवा के साथ प्रकृति सेवा की। उनके सामने तप, संयम, त्याग, सेवा ये शब्द छोटे पड़ जाते हैं। आचार्यश्री भले ही कर्नाटक में जन्मे लेकिन आज हर कोई उन्हें अपना मानता है। उन्होंने कहा कि मुनि विद्यासागर जी महाराज ने अपने जीवनकाल में उन सभी आदर्शों और नियमों का पालन किया, जो एक सफल जीवन के लिए आवश्यक है। आचार्यश्री ने गौसंरक्षण के लिए चलाया था अभियान सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आचार्यश्री ने गौपालन, गौसंरक्षण और गौसंवर्धन पर भी जोर दिया। उन्होंने गौमांस निर्यात का विरोध करने कई वर्षों पर पहले अभियान शुरू कर दिया था। आज जैन समाज की ओर से पूरे देश में कई गौशालाएं संचासलित की जा रही है। क्योंकि गोमाता के माध्यम से पूरी प्रकृति बदल सकती है। गोमाता के भीतर वह भाव है जो अपने बच्चों का ख्याल रखती है और मनुष्य के बच्चों का भी ख्याल रखती है। आचार्य जी के स्मरण के लिए बनेगा स्थान सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, महाराज जी के स्मरण के लिए भोपाल में एक अच्छा स्थान बनाएंगे। आज आचार्य श्री की पुण्यतिथि है। आज मुझे वो पुराना दृश्य आंखों के सामने दिखाई दे रहा है जब महाराज श्री यहां (विधानसभा) स्वयं पधारे थे। अलौकिक व्यक्तित्व थे। उस वक्त ऐसा लग रहा था कि देवता हमारे बीच पधारे हैं। हमने चक्षुओं से आमतौर पर मनुष्यों को ही देखा है। देखने में कई बार हमारा दृष्टिदोष हो सकता है। लेकिन कई बार जो होता है वो अलौकिक जीवन धन्य करने वाला होता है। महाराज जी कर्नाटक के हैं, लेकिन ऐसा लगता था कि वो हमारे मध्यप्रदेश के हमारे बीच से ही हैं।