अमेरिका ने भारत के 104 प्रवासियों को सैन्य विमान से भारत वापिस भेज दिया है। अमृतसर में अमेरिकी सेना का माल वाहक विमान भारतीय अवैध प्रवासियों को हाथ पैर बांधकर भारत छोड़कर चला गया है। इस विमान में केवल एक बाथरूम था। विमान की 24 घंटे से ज्यादा की यात्रा थी। 104 अवैध प्रवासी और मात्र एक टॉयलेट में किस तरह से भारत आए होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। भूखे-प्यासे अवैध प्रवासियों को जिस तरह से अमेरिका ने भारत छोड़ा है। उसको लेकर वर्तमान केंद्र सरकार की देशभर में आलोचना हो रही है। हरियाणा के 33, गुजरात के 33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के तीन, उत्तर प्रदेश के तीन तथा चंडीगढ़ के दो अवैध प्रवासियों को अमेरिका की सरकार ने अमृतसर में डिपोर्ट किया है। इसमें 79 पुरुष, 25 महिलाएं हैं, जिनमें 13 बच्चे भी शामिल हैं। यह सभी प्रवासी अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। अमेरिका मे जितने भी अवैध प्रवासी हैं उन्हें अमेरिका की सरकार भारत वापस भेज रही है। अमेरिका में कई देशों के नागरिक अवैध रूप से निवास कर रहे हैं। अमेरिका इन सभी को देश से बाहर कर रहा है। इससे पहले मैक्सिको एवं एक अन्य देश ने अमेरिका के विमान को उतरने की अनुमति नहीं दी थी। मेक्सिको का कहना था, अमेरिका यदि अवैध प्रवासियों को भेजना चाहता है तो उसकी सूची भेजें, उसके बाद उनके देश में सत्यापन हो जाने के बाद सीमा पर अवैध प्रवासियों को भेजें। मैक्सिको अपने देश के अवैध प्रवासियों को अपने विमान से वापस बुलाएगी। अमेरिका के विमान को जब वहां उतरने की अनुमति नहीं मिली। उसके बाद अमेरिका ने उन देशों के अवैध प्रवासियों को बाहर भेजना रोक दिया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के जो अवैध प्रवासी वहां की जेलों में बंद थे, या अवैध रूप से रह रहे थे। उन सबको भारत सरकार ने वापस लेने की सहमति प्रदान कर दी थी। अमेरिका ने भारतीय मूल के अवैध प्रवासियों को सेना के विमान से हथकड़ी लगाकर अमानवीय तरीके से भारत भेजा है। जिसके कारण भारत की आलोचना दुनिया भर में हो रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्ताना संबंध हैं। भारत और अमेरिका के बीच कारोबारी संबंध हैं। भारतीय मूल के नागरिक जो अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे थे। भारत सरकार ने वापस लेने की सहमति व्यक्त कर दी थी। उसके बाद जिस तरह से अमेरिका ने सेना के मालवाहक विमान में हथकड़ी लगाकर बच्चों और महिलाओं को भी भूखे प्यासे भारत वापस भेजा है, उसकी भारत में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हुईं है। अमेरिका में 17000 से अधिक भारतीय मूल के प्रवासी, अवैध तरीके से रह रहे हैं। इनके ऊपर अमेरिका में मुकदमा चल रहा है। हजारों लोग अमेरिका की जेलों में बंद हैं। लाखों भारतीय, अमेरिका वेध रूप से गए थे। वीजा अवधि खत्म होने के कारण अब वह अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं। उन्हें भी अमेरिका भारत भेजने की तैयारी कर रहा है। भारत सरकार की भूमिका को लेकर सारे देश में केन्द्र सरकार की आलोचना हो रही है। भारतीय नागरिकों के साथ अमेरिका ने जिस तरह का अपमान किया है, उसे भारत की जनता स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। वर्तमान मोदी सरकार की आलोचना हो रही है। भारत सरकार को स्वयं अवैध प्रवासियों को भारत लाने की व्यवस्था करनी थी। भारत सरकार ने कोई पहल नहीं की। जिस तरह से अमेरिका ने भारतीय मूल के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से भारत भेजा है। भारत के राजनीतिक दलों में इसकी बड़ी आलोचना हो रही है। वहीं विश्व गुरु के रूप में जो छवि भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया के देशों में बनी थी। उसको लेकर सत्ता पक्ष की बड़ी आलोचना हो रही है। भारतीय विदेश नीति की तरह-तरह से आलोचना की जा रही है। भारत के नागरिक अवैध रूप से विदेशों में जिस तरह से पलायन कर रहे हैं। यहां पर बेरोजगारी होने और कारोबार नहीं होने के कारण पिछले कुछ वर्षों में लाखों की संख्या में भारतीय नागरिक वेध और अवैध रूप से अमेरिका सहित दुनिया के अन्य देशों में पलायन करके गए हैं। अवैध रूप से अमेरिका पलायन करने वाले युवाओं ने लाखों रूपया खर्च किया। जान जोखिम में डालकर अमेरिका पहुंचे थे। समय रहते भारत सरकार ने अवैध पलायन को नहीं रोका। पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार ने अपनी आर्थिक उपलब्धि विश्व गुरु के रूप में छवि बनाई थी। वह छवि अब धूमिल होती हुई नजर आ रही है। सरकार आगे क्या करेगी, इसको लेकर देशभर में भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है। सारी दुनिया के देशों में भारत की छवि खराब हुई है। ईएमएस / 06 फरवरी 25