धार (ईएमएस)। संयुक्त संचालक कृषि इन्दौर आलोक मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र धार में परम्परागत कृषि विकास योजना एवं राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें संभाग के उप संचालक कृषि, परियोजना संचालक आत्मा धार, खरगोन, बुरहानपुर, खण्डवा, झाबुआ, अलिराजपुर, बड़वानी, राज्य स्तरीय कन्सलटेन्ट अमोल गवान्डे, कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के अधिकारी, परम्परागत कृषि विकास योजना के सेवा प्रदाता संस्थाएँ आगाखॉ, क्युसील एग्रीटेक एवं आई.एस.एच. एग्रीटेक के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यशाला में संयुक्त संचालक कृषि इन्दौर द्वारा परम्परागत कृषि एवं प्राकृतिक खेती मिशन का परिचय एवं उद्देश्य के माध्यम से सेवा प्रदाता को निर्धारित क्लस्टर में वास्तवित धरातल पर कार्य करने एवं अच्छे कार्य करने वाले कृषकों की सफलता की कहानी तैयार कर प्रचार-प्रसार के निर्देश दिये गये। इसी अनुक्रम में वर्चुअल रूप से उप संचालक कृषि जितेन्द्रसिह परिहार संचालनालय भोपाल द्वारा योजना के बारे में लक्ष्य समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये एवं नियमित मैदानी अमले के माध्यम से मॉनिटरिंग एवं मुल्याकंन करने के निर्देश दिये गये। प्रत्येक जिले के उप संचालक कृषि द्वारा परम्परागत कृषि की रणनिति अन्तर्गत विकासखण्ड स्तर से मैदानी अमले वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कृषि विस्तार अधिकारी एवं आत्मा अन्तर्गत ए.टी. एम., बी.टी.एम. के माध्यम से नियमित मॉनिटरिंग एवं मुल्याकंन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इसके पश्चात प्रत्येक जिले में शासन द्वारा अनुबंधित सेवा प्रदाता द्वारा चयनित क्लस्टर में किये गये कार्यों एवं आगामी रणनिति का प्रस्तुतीकरण किया गया। इसके पश्चात राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की रणनिति एवं कृषि सखी के दायित्वों के बारे में प्रत्येक जिले के परियोजना संचालक आत्मा द्वारा दिया गया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन धार द्वारा प्राकृतिक खेती की उपलब्धी एवं कन्वरजेंस के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक द्वारा प्राकृतिक, जैविक खेती एवं मिट्टी में पौषक तत्वों की कमी के बारे में अवगत कराया गया। कार्यशाला में प्रगतिशील किसानों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये जो कि बहुत ही सराहनीय रहे। कार्यशाला में परम्परागत कृषि को बढ़ावा देने एवं जागरूकता के उद्देश्य हेतु श्री अन्न से बने पारम्परिक भोजन बाजरे का खिचडा, रागी की खीर, ज्वार-मक्के की रोटी इत्यादि स्वादिष्ट व्यजन परोसे गये। कार्यक्रम का संचालन उप परियोजना संचालक आत्मा के.एस. झणिया ने किया । कार्यशाला की व्यवस्था संगीता तोमर सहायक संचालक कृषि एवं कृषि वैज्ञानिक जी. एस. गाठिये द्वारा कार्यशाला में उपस्थित समस्त अधिकारी, कर्मचारी, संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं कृषकों का आभार व्यक्त किया गया। ईएमएस/मोहने/ 05 फरवरी 2025