क्षेत्रीय
05-Feb-2025


ग्वालियर ( ईएमएस ) | नियमों के विपरीत आम आदमी से निक्षेप राशि जमा कर रहीं अवैध वित्तीय कंपनियों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई करें। साथ ही इन अवैध कंपनियों में जमा लोगों की निक्षेप राशि वापस कराने की कार्रवाई में तेजी लाई जाए। संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी कलेक्टर्स को पत्र लिखकर इस आशय के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्वालियर व चंबल रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों को भी इस संबंध में पत्र लिखे हैं। श्री खत्री ने Buds Act 2019 (द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम अधिनियम) का उल्लंघन कर रहीं कंपनियों की जानकारी सभी जिला कलेक्टर से मांगी है, जिससे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके। ज्ञात हो राज्य शासन के वित्त विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार Buds Act 2019 के तहत संभागीय आयुक्त को अपने क्षेत्राधिकार के भीतर सक्षम प्राधिकारी नियुक्त किया है। साथ ही सक्षम प्राधिकारी को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता के लिये प्रत्येक जिले में पदस्थ अपर कलेक्टर को नियुक्त किया गया है। संभाग आयुक्त श्री खत्री ने आईजी एवं जिला कलेक्टर को लिखे अलग-अलग पत्रों में उल्लेख किया गया है कि अकेले गुना जिले में 10 हजार से अधिक आवेदन विभिन्न कंपनियों में जमा राशि को वापस कराने के लिये प्राप्त हुए हैं। संभाग के अन्य जिलों में भी ऐसे आवेदन प्राप्त हुए होंगे। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इन आवेदनों का निराकरण तेजी से किया जाए। संभाग आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया है कि मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत हर जिले में सक्षम अधिकारी जिला कलेक्टर हैं। इसलिए जिला कलेक्टर अपने न्यायालयों में इस अधिनियम के तहत लंबित प्रकरणों का तेजी से निराकरण कराएँ। उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि आम आदमी से कंपनियों द्वारा निक्षेप राशि वापस न करने संबंधी शिकायतें प्राप्त होने पर Buds Act 2019 के तहत पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज किए जाएं। साथ ही पूर्व से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-460 (भारतीय दण्ड संहिता की धारा-420) के तहत दर्ज प्रकरणों में भी Buds Act 2019 में कायमी की जाए। इस प्रकार की विभिन्न कंपनियों, सेसायटी, फर्म व बैंक इत्यादि से संबंधित डायरेक्टरों के पैन नम्बर सहित अन्य जानकारी संजय कॉम्प्लेक्स जयेन्द्रगंज ग्वालियर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। पैन नम्बर के आधार पर संबंधित लीड बैंक ऑफीसर से उनके बैंक खातों एवं उनमें जमा राशि, मोबाइल नम्बर इत्यादि जानकारी हासिल की जा सकती है। इस जानकारी के आधार पर अवैध कंपनियों के जिम्मेदार अधिकारियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई भी की जाए। संभाग आयुक्त ने गुना जिले से प्राप्त 27 कंपनियों व फर्मों की सूची भी दोनों संभागों के जिला कलेक्टर एवं आईजी को उपलब्ध कराई है।