राज्य
05-Feb-2025


मुंबई, (ईएमएस)। पिछले डेढ़ महीने से महाराष्ट्र के बीड के सरपंच संतोष देशमुख हत्या मामला सुर्खियों में है। हत्या मामले के संदिग्ध वाल्मीकि कराड के खिलाफ मकोका के तहत कार्रवाई की गई है। विपक्ष मांग कर रहा था कि वाल्मीकि कराड की जांच ईडी से कराई जाए। उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर मांग की गई कि ईडी वाल्मीक कराड के खिलाफ अलग से मामला दर्ज कर जांच शुरू करे। हालांकि, हाईकोर्ट ने वाल्मीकि कराड के खिलाफ ईडी जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। दरअसल आरटीआई कार्यकर्ता केतन तिरोडकर ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वाल्मीकि कराड की ईडी जांच की मांग की थी। याचिका में यह भी मांग की गई है कि संतोष देशमुख हत्या मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी के माध्यम से शुरू की जाए। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि एक कैबिनेट मंत्री का लगातार उल्लेख होने से पुलिस जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है। याचिका में चुनाव आयोग को भी प्रतिवादी बनाया गया है क्योंकि इस मामले में मंत्री से जुड़ी कई कंपनियां और संपत्तियां प्रकाश में आ रही हैं। अब हाईकोर्ट ने वाल्मीकि कराड के खिलाफ ईडी जांच की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। जैसे ही उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह याचिकाकर्ता पर उनकी सहमति के बिना याचिका दायर करने के लिए 20,000 रुपये का जुर्माना लगाएगा, याचिकाकर्ता याचिका वापस लेने पर सहमत हो गए। मुख्य न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है, क्योंकि याचिका से याचिकाकर्ता की मंशा स्पष्ट नहीं होती। - वाल्मीकि कराड की हिरासत अवधि बढ़ाई गई इस बीच, सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद वाल्मीकि कराड 24 दिनों तक फरार रहा। पुलिस ने उसकी तलाश के लिए कई टीमें तैनात की थीं। हालाँकि, वह पुलिस की पकड़ में नहीं आया। वाल्मीकि कराड ने 31 दिसंबर को पुणे स्थित सीआईडी ​​कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद वाल्मीकि कराड का पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत का सफर शुरू हुआ। वाल्मीकि कराड पर मकोका लगाया गया है। कराड को 22 जनवरी को बीड की विशेष अदालत ने 14 दिनों की हिरासत में भेज दिया था। बुधवार दिनांक 4 फरवरी को अदालत में पेश किए बिना ही उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई। स्वेता/संतोष झा- ०५ फरवरी/२०२५/ईएमएस