वाशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी वादों के अनुरूप कनाडा और मैक्सिको पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन महज 24 घंटे के भीतर उन्होंने फैसले पर 30 दिनों की रोक लगा दी। उनके फैसले से दुनिया भर के बाजारों में अस्थिरता का माहौल बना था, लेकिन टैरिफ वॉर की आशंका फिलहाल टल गई है। ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को देखकर लिया गया। कनाडा और मैक्सिको अमेरिका के शीर्ष कारोबार साझेदार हैं, और इससे आयात-निर्यात में रुकावट अमेरिका में महंगाई और आर्थिक अस्थिरता को जन्म दे सकती थी। किन उत्पादों पर टैरिफ लगने वाला था? मैक्सिको से आयातित वस्तुएं खासकर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि उत्पाद (एवोकाडो, टमाटर), मशीनरी, ईंधन, केमिकल, फर्नीचर आदि। कनाडा से आयातित वस्तुओं में पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, सोना, कार, मशीनरी, धातु, बिजली, खाद्य बीज आदि। दरअसल इन वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगने से अमेरिका में महंगाई बढ़ती, क्योंकि अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता इन उत्पादों को अधिक कीमत में खरीदना पड़ता। इतना ही नहीं ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी और कृषि उद्योग पर सीधा प्रभाव पड़ता, इससे नौकरियां प्रभावित हो सकती थीं। मैक्सिको और कनाडा भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे थे, जिससे अमेरिकी निर्यात प्रभावित होता। मैक्सिको ने ट्रंप को आश्वस्त किया कि वह 10,000 सैनिकों की तैनाती करके अवैध प्रवास रोकने में मदद करेगा। कनाडा ने फेंटानिल ड्रग तस्करी को रोकने के लिए 1.3 डॉलर बिलियन की सीमा सुरक्षा योजना लागू करने का ऐलान किया। क्या भविष्य में फिर लग सकते हैं टैरिफ? अभी टैरिफ सिर्फ 30 दिनों के लिए रोका गया है। यदि कनाडा और मैक्सिको अवैध प्रवास और नशीली दवाओं की तस्करी रोकने में विफल रहे, ट्रंप फिर से टैरिफ लगाने का फैसला कर सकते हैं। ट्रंप ने टैरिफ हटाकर अमेरिकी कारोबारियों और उपभोक्ताओं को राहत दी है, लेकिन यह सिर्फ 30 दिनों के लिए है। यदि कनाडा और मेक्सिको ट्रंप की शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, तो अमेरिका दोबारा टैरिफ वॉर छेड़ सकता है। आशीष दुबे / 05 फरवरी 2025